
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में इन दिनों बर्फबारी का दौर जारी है, जिससे रेल, हवाई और सड़क मार्ग प्रभावित हुए हैं। श्रीनगर, काजीगुंड और बडगाम रेलवे स्टेशन समेत कई स्थानों पर बर्फ की मोटी चादर बिछ चुकी है। बनिहाल रेलवे स्टेशन पर पटरियों पर कई इंच तक बर्फ जम गई है, बावजूद इसके ट्रेनें बर्फ को चीरते हुए अपने गंतव्य की ओर बढ़ रही हैं।
बर्फबारी के बीच रेल सफर का रोमांच
कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेल संपर्क का सपना अब साकार हो चुका है। सभी निरीक्षण कार्य पूरे हो चुके हैं, और अब बस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हरी झंडी का इंतजार है। संभावना जताई जा रही है कि इस महीने कटड़ा से कश्मीर तक ट्रेन का उद्घाटन हो सकता है। इस ऐतिहासिक रेल यात्रा में सुपरफास्ट वंदे भारत एक्सप्रेस भी शामिल होगी, जो बर्फीले पहाड़ों के बीच से गुजरते हुए श्रीनगर पहुंचेगी।
बर्फबारी के बाद का अद्भुत नजारा
27 फरवरी को हुई भारी बर्फबारी के कारण श्रीनगर, काजीगुंड, बनिहाल और बडगाम रेलवे स्टेशन पूरी तरह सफेद चादर में लिपटे नजर आए। ट्रेनों को सुचारू रूप से चलाने के लिए रेलवे ट्रैक से बर्फ हटाने का कार्य लगातार जारी है।
कटड़ा से श्रीनगर तक वंदे भारत का सफर
वंदे भारत एक्सप्रेस के अलावा दो मेल एक्सप्रेस ट्रेनें भी इस रूट पर चलेंगी। इस सफर के दौरान ट्रेनें रियासी, संगलदान, बनिहाल, काजीगुंड, अनंतनाग और श्रीनगर रेलवे स्टेशनों पर ठहरेंगी।
बर्फबारी में भी सुरक्षित यात्रा के लिए खास तकनीक
वंदे भारत एक्सप्रेस को आधुनिक तकनीक और खास डिजाइन से तैयार किया गया है, जिससे यह ट्रेन भीषण ठंड और भारी बर्फबारी के बीच भी सहजता से संचालित हो सकेगी। कश्मीर में संगलदान से बारामूला तक 120 किलोमीटर की दूरी मेमू ट्रेन 2 घंटे 50 मिनट में पूरी करती है।
ट्रेन से दिखेगा कश्मीर का दिलकश नजारा
बर्फबारी के बीच सफर करना किसी रोमांच से कम नहीं होगा। बनिहाल रेलवे स्टेशन से गुजरती ट्रेनें जब बर्फ को चीरती हुई आगे बढ़ती हैं, तो दृश्य अद्भुत होता है। इसके अलावा गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम जैसे पर्यटक स्थलों पर भी बर्फबारी का सिलसिला जारी है, जिससे यह सफर और भी यादगार बनने वाला है।
जल्द शुरू होगा ऐतिहासिक रेल संचालन
बर्फीले ट्रैक पर ट्रेन चलाने के लिए रेलवे विभाग पूरी तैयारियों में जुटा हुआ है। यह परियोजना न केवल कश्मीर को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ेगी, बल्कि पर्यटन और व्यापार के लिए भी नए अवसर खोलेगी। अब सबकी नजरें आधिकारिक उद्घाटन और ट्रेन संचालन की तारीख पर टिकी हैं।