जमीन विवाद में बड़ी घटना: एसडीएम के सामने किसान ने खुद को लगाई आग, हालत नाजुक
एसडीएम के सामने किसान ने खुद को लगाई आग, 90% जलने के बाद दिल्ली रेफर

सहारनपुर। चिलकाना थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर गांव में एक जमीन विवाद के चलते शनिवार को बड़ी घटना सामने आई। राजस्व टीम जब एसडीएम के नेतृत्व में जमीन की पैमाइश करने पहुंची, तो किसान वेदप्रकाश (60) ने खुद पर डीजल डालकर आग लगा ली। अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के सामने उठी ऊँची लपटों से हड़कंप मच गया। 90% तक झुलसे किसान को गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
क्या है मामला?
सुल्तानपुर गांव में किसान वेदप्रकाश और जैन मंदिर प्रबंध समिति के बीच करीब पौन बीघा जमीन का विवाद चल रहा था। यह मामला एसडीएम न्यायालय में धारा-24 के तहत दर्ज था, जिसमें फैसला मंदिर समिति के पक्ष में आया। शनिवार को एसडीएम अंकुर वर्मा के नेतृत्व में राजस्व टीम और पुलिस पैमाइश करने और कब्जा दिलाने पहुंची।
गुस्साए किसान ने खुद को आग लगा ली
जब टीम ने जमीन की निशानदेही और डोलबंदी शुरू की, तो किसान वेदप्रकाश ने खेत पर रखे ट्यूबवेल से डीजल डालकर खुद को आग लगा ली। अधिकारियों और पुलिस ने आग बुझाने की कोशिश की और गंभीर रूप से झुलसे किसान को पिलखनी मेडिकल कॉलेज पहुंचाया, जहां से हालत गंभीर होने पर दिल्ली रेफर कर दिया गया।
परिवार ने प्रशासन पर लगाए आरोप
घटना के बाद अस्पताल पहुंचे किसान के भाई और परिवारजनों ने प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया। परिजनों का कहना है कि बिना पूरी बातचीत और समझौते के लिए मौका दिए, जबरन जमीन का कब्जा दिलाने की कार्रवाई की गई।
प्रशासन और नेताओं की प्रतिक्रिया
इस मामले पर जिलाधिकारी मनीष बंसल ने कहा कि न्यायालय के आदेश का अनुपालन किया जा रहा था और इसी दौरान किसान ने यह कदम उठाया। वहीं, नकुड़ से भाजपा विधायक मुकेश चौधरी ने इस पैमाइश को गलत और जल्दबाजी भरा निर्णय बताया। उन्होंने कहा कि समझौते की कोशिश जारी थी, लेकिन प्रशासन ने जल्दबाजी कर दी।
जांच में जुटा प्रशासन
इस घटना के बाद पुलिस और प्रशासन पूरे मामले की जांच में जुट गया है। सवाल उठ रहा है कि क्या प्रशासन को थोड़ा और संवेदनशील होकर फैसला लागू करना चाहिए था? क्या किसान की बात सुनी गई थी? इन सब पहलुओं पर जांच के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी। फिलहाल किसान की हालत नाजुक बनी हुई है।