दिल्ली NCRदेश

एनएफआईटीयू सामाजिक न्याय के लिए वैश्विक गठबंधन में हुआ शामिल

महासचिव डॉ. विराट जायसवाल ने किया संगठन का प्रतिनिधित्व

नई दिल्ली। नवंबर 2023 में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) और संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रारंभ किए गए “सामाजिक न्याय के लिए वैश्विक गठबंधन” में अब भारत की प्रतिष्ठित ट्रेड यूनियन नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (NFITU) ने आधिकारिक रूप से अपनी भागीदारी दर्ज करा ली है। यह गठबंधन वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक न्याय से जुड़ी नीतियों और उनके कार्यान्वयन को मजबूत करने के लिए स्थापित किया गया है।

दिल्ली के भारत मंडपम में हुआ ऐतिहासिक आयोजन

इस महत्वपूर्ण पहल के आयोजन के लिए दिल्ली स्थित भारत मंडपम को चुना गया। समारोह में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के महानिदेशक श्री गिल्बर्ट एफ. हौंगबो विशेष रूप से स्विट्ज़रलैंड से भारत आए। इस कार्यक्रम में केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया, राज्य मंत्री श्रीमती शोभा करंदलाजे, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की सचिव श्रीमती सुमिता डावरा, जिनेवा में भारत के राजदूत श्री अरिंदम बागची, भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और भारतीय मजदूर संघ (BMS) के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

एनएफआईटीयू ने भारत की श्रमिक आवाज़ को वैश्विक मंच पर पहुंचाया

एनएफआईटीयू, जो देश के असंगठित क्षेत्र का सबसे बड़ा श्रमिक संगठन है, और बीएमएस (भारतीय मजदूर संघ), जो भारत का सबसे बड़ा श्रमिक संघ है, वे इस गठबंधन में शामिल होने वाले भारत के दो प्रमुख संगठन हैं। इससे स्पष्ट होता है कि ये संगठन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रमिकों के अधिकारों और सामाजिक न्याय को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

महासचिव डॉ. विराट जायसवाल का वक्तव्य

एनएफआईटीयू महासचिव डॉ. विराट जायसवाल ने कहा, “सामाजिक न्याय केवल नारेबाजी नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर बदलाव लाने का विषय है। हमें समाज के सबसे कमजोर वर्गों तक पहुंचकर उन्हें रोजगार, भोजन, स्वच्छ जल, स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी।” उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि भारत में छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे क्षेत्रों में प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता के बावजूद जनजातीय समुदायों का शोषण चिंता का विषय बना हुआ है।

आईएलओ ने एनएफआईटीयू को अकादमिक संस्थानों को जोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी

डॉ. जायसवाल ने यह भी खुलासा किया कि अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने एनएफआईटीयू को अकादमिक संस्थानों को इस वैश्विक मुहिम से जोड़ने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। इस पहल के तहत, डॉ. जायसवाल ने भोपाल स्थित एलएनसीटी विश्वविद्यालय को इस अभियान में शामिल करने की सिफारिश की है।

भारत के लिए गर्व का क्षण

भारत सरकार के अनुरोध पर एनएफआईटीयू की इस ऐतिहासिक भागीदारी ने भारत को सामाजिक न्याय की वैश्विक नीति निर्धारण प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। यह पहल देश के श्रमिकों और समाज के हाशिए पर खड़े समुदायों के उत्थान में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

श्रमिक कल्याण और सामाजिक न्याय की दिशा में एनएफआईटीयू की यह सक्रिय भागीदारी न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होगी।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!