पलकमती नदी पर जल निकाय पुनरुद्धार कार्य का भूमि पूजन, लेकिन उठे कई सवाल

संवाददाता राकेश पटेल इक्का
सोहागपुर | सोहागपुर विकासखंड अंतर्गत पलकमती नदी पर अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत जल निकाय पुनरुद्धार (वाटर वाडी) कार्य का भूमि पूजन आज पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम विभाग मंत्री श्री प्रह्लाद सिंह पटेल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। इस कार्य की अनुमानित लागत ₹50.81 लाख रखी गई है।
सरकार का दावा है कि इस योजना से क्षेत्र के जल स्रोतों में स्थायी सुधार होगा और ग्रामीण इलाकों में जल संकट दूर करने में मदद मिलेगी। लेकिन स्थानीय नागरिकों और राजनीतिक विश्लेषकों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है कि क्या यह परियोजना पूर्व घोषित योजनाओं की तरह अधूरी रह जाएगी या वास्तव में समय पर पूरी होकर जनहित में लाभकारी सिद्ध होगी।
अतिथियों की उपस्थिति और अनुपस्थिति बनी चर्चा का विषय
कार्यक्रम में प्रमुख अतिथियों के रूप में सांसद श्री दर्शन सिंह चौधरी, राज्यसभा सांसद श्रीमती माया नारोंलिया, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती लता यशवंत पटेल, उपाध्यक्ष श्री आकाश रघुवंशी, मंडल अध्यक्ष श्री अश्वनी सरोज एवं श्री प्रदीप पटेल सहित अनेक भाजपा पदाधिकारी उपस्थित रहे।
हालांकि, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री जालम सिंह पटेल और उपाध्यक्ष श्री राघवेंद्र पटेल की मंच से अनुपस्थिति ने स्थानीय स्तर पर राजनीतिक चर्चाओं को जन्म दे दिया है। कई लोगों ने इसे सत्ताधारी दल के भीतर चल रही संभावित असहमति से जोड़कर देखा।
विकास बनाम विश्वास
क्षेत्र में इससे पहले शुरू हुई कई परियोजनाएं या तो समय पर पूरी नहीं हो सकीं या गुणवत्ता के अभाव में जनता को अपेक्षित लाभ नहीं मिल सका। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह जल पुनरुद्धार कार्य केवल कागजी घोषणा बनकर न रह जाए।
स्थानीय जनता की आशाएं और आशंकाएं
स्थानीय निवासी इस योजना को लेकर आशावान जरूर हैं, लेकिन वे यह भी चाहते हैं कि परियोजना का कार्य पारदर्शी तरीके से, समयबद्ध और गुणवत्ता के साथ संपन्न हो। ताकि यह वास्तव में क्षेत्र की जल समस्याओं के समाधान में सहायक हो सके।
सरकार की अगली परीक्षा
इस परियोजना की सफलता न केवल सरकार की विकासशील छवि को मजबूती देगी, बल्कि जनता के बीच विश्वास भी बढ़ाएगी। वहीं यदि यह योजना भी पहले जैसी अधूरी रह जाती है, तो यह सत्ताधारी दल के लिए एक गंभीर राजनीतिक चुनौती बन सकती है।