मनुष्य के विचारों में पवित्रता होना जरूरी है – हर्षित सागर

गाडरवारा l नगर में जैन समाज के मुनि संघो एवं गुरुओं का सानिध्य लगातार मिलता जा रहा है, इसी क्रम में गत दिवस पिपरिया से बिहार करते हुए छुल्लक श्री 105 हर्षित सागर जी महाराज का नगर आगमन हुआ जहां पर जैन समाज ने उनका हार्दिक स्वागत करते हुए उनके भव्य अगवानी की गुरुवर श्री हर्षित सागर जी महाराज ने वीर विद्यानिलय में जैन समाज को अपने प्रवचन के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य के विचारों में पवित्रता होना जरूरी है अगर कोई व्यक्ति जो की मंदिर में बैठकर गलत विचारों में डूबा है तो वह नरक ही जाएगा और अगर कोई व्यक्ति गलत स्थान पर होते हुए भी मन में पवित्र भावना रखता है तो उसका कल्याण अवश्य ही होगा, क्योंकि उसके भाव पवित्र थे | इसी प्रकार उन्होंने बताया कि आगम का अर्थ क्या होता है जैन शास्त्रों के अनुसार आ से अरिहंत प्रभु की वाणी एवं ग से गणधर जी ने जिसे लिपिबद्ध किया और म से मुनियों के द्वारा जिसको आचरण में अपने उतारा और प्रवचनो के माध्यम से समाज के सभी लोगों से अपने जीवन में उतारने का आवाहन कियाl
प्रवचन सभा में उपस्थित जन समुदाय को जैन समाज के अध्यक्ष जिनेश जैन ने संबोधित करते हुए कहा कि गुरुवर के प्रवास काल में हम सभी उनके ज्ञान से लाभान्वित होकर ज्यादा से ज्यादा धर्म लाभ लेवे | धम॔सभा में महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमती मीता कुलदीप जैन उपाध्यक्ष श्रीमती किरण नायक व संगीता जैन तारण तरण समाज से पदम जैन, श्रीमती साधना जैन उपस्थित थे समाज के सचिव राजेश जैन ने सभी सामाजिक बंधुओ से अधिक से अधिक संख्या में प्रातः 9 बजे से प्रवचन में उपस्थित होकर धर्म लाभ लेने का आग्रह किया है |