मांगी मन्नत, हुई शादी! कुंवारों के देवता बिल्लम बावजी की महिमा अपरंपार, देंगे शादी होने का आशीर्वाद
कुंवारों के देवता बिल्लम बावजी की स्थापना, भक्तों ने मांगी शादी की मन्नत

जावद (नीमच)। विवाह योग्य युवक-युवतियों के लिए आस्था और श्रद्धा का केंद्र माने जाने वाले कुंवारों के देवता बिल्लम बावजी की विधिविधान से स्थापना बुधवार को जावद नगर की पुरानी धानमंडी में की गई। ढोल-ढमाकों और भक्ति संगीत के बीच बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए और पूजा-अर्चना कर मन्नत मांगी। मान्यता है कि जो कुंवारे सच्चे मन से बिल्लम बावजी की पूजा करते हैं, उनकी जल्द ही शादी तय हो जाती है।
रंगपंचमी से रंगतेरस तक दर्शन का विशेष महत्व
स्थानीय रहवासियों के अनुसार, बिल्लम बावजी की चल मूर्ति पूरे वर्ष सिद्धि विनायक गणपति मंदिर में रहती है, लेकिन रंगपंचमी पर इसे विशेष रूप से धानमंडी में स्थापित किया जाता है। यहां नौ दिनों तक दर्शन एवं पूजा-अर्चना का सिलसिला चलता है। बड़ी संख्या में अविवाहित युवक-युवतियां और उनके परिवारजन विवाह की मन्नत मांगते हैं।
चमत्कारी सिद्ध हो रहा देव स्थान
श्रद्धालुओं के अनुसार, वर्षों से यहां मन्नत मांगने वालों की शादियां तय होती आ रही हैं। यही कारण है कि इस स्थान को चमत्कारी देव स्थल माना जाने लगा है। पिछले वर्ष लगभग 2500 कुंवारों ने दर्शन किए थे, जिनमें से 500 से अधिक की शादी तय हो गई। इस वर्ष भी पंचमी के दिन से ही बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने पहुंचे हैं।
मन्नत पूरी होने पर नव दंपत्ति लेते हैं आशीर्वाद
विवाह के बाद नव दंपत्ति बिल्लम बावजी के चरणों में माथा टेकने आते हैं और संतान प्राप्ति की मन्नत मांगते हैं। मन्नत पूरी होने पर वे अपने बच्चों को भी बावजी का आशीर्वाद दिलाने लाते हैं।
स्थापना के दौरान नगर के सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे। भक्ति गीतों, नृत्य और धार्मिक अनुष्ठानों के बीच माहौल भक्तिमय हो गया। श्रद्धालु पूरे भक्ति भाव से बिल्लम बावजी की आराधना कर रहे हैं और नौ दिनों तक यह आयोजन पूरे धूमधाम से चलता रहेगा।