हवाई सर्वे से होगा छिपी खनिज संपदा का खुलासा, 90 दिनों तक जारी रहेगा अभियान
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तेंदूखेड़ा, मध्यप्रदेश: इन दिनों तेंदूखेड़ा और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में हवाई सर्वेक्षण चल रहा है, जिससे स्थानीय लोगों में जिज्ञासा और चर्चा का माहौल बना हुआ है। खास बात यह है कि स्थानीय प्रशासन को भी इसकी पूरी जानकारी नहीं है, जिससे लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर यह हवाई जहाज बार-बार क्यों उड़ान भर रहे हैं?
क्या है हवाई सर्वे का मकसद?
सूत्रों के मुताबिक, यह सर्वे भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग द्वारा कराया जा रहा है। इसका उद्देश्य मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के भूभाग में छिपी खनिज संपदा का पता लगाना है। यह सर्वे लगभग 90 दिनों तक जारी रहेगा और इसमें नरसिंहपुर, जबलपुर, पन्ना, सिंगरौली, डिंडोरी, सतना, उमरिया, शहडोल, छिंदवाड़ा, सागर, अनूपपुर, रायसेन, बैतूल समेत मध्यप्रदेश के 18 जिलों और छत्तीसगढ़ के 8 जिलों को शामिल किया गया है।
कैसे काम करता है यह हवाई सर्वेक्षण?
इस सर्वेक्षण में विशेष सेंसर लगे हुए विमानों का इस्तेमाल किया जाता है, जो लगभग 500 फीट की ऊंचाई से उड़ान भरते हैं। इन विमानों में ऐसे सेंसर लगे होते हैं जो जमीन के भीतर 70 से 80 फीट तक गहराई में मौजूद खनिज संसाधनों की तस्वीरें खींचकर उनका डेटा कंप्यूटर पर भेजते हैं।
खनिज भंडारों की जानकारी से बढ़ेगा विकास
इस हवाई सर्वे से महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों की पहचान की जाएगी, जिससे भविष्य में इन जिलों में खनन और औद्योगिक विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी। सर्वे के नतीजे खनन मंत्रालय को सौंपे जाएंगे, जिसके बाद यह पता चलेगा कि किस जिले में कितनी खनिज संपदा मौजूद है।
स्थानीय लोगों में उत्सुकता
हवाई जहाजों की लगातार उड़ान को लेकर स्थानीय लोगों में काफी जिज्ञासा थी, लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि यह खनिज संपदा की खोज के लिए किया जा रहा एक वैज्ञानिक अभियान है। प्रशासन ने भी लोगों से सहयोग और धैर्य बनाए रखने की अपील की है।