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अजब-गजब है मध्यप्रदेश: सरसी आईलैंड और बाणसागर डैम से पर्यटन को मिलेगा नया आयाम

अजब-गजब है मध्यप्रदेश: सरसी आईलैंड और बाणसागर डैम से पर्यटन को मिलेगा नया आयाम

शहडोल। मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में स्थित सरसी आईलैंड अब प्रदेश के पर्यटन का एक प्रमुख आकर्षण बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बाणसागर डैम पर विकसित इस आईलैंड का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “मध्यप्रदेश विविधताओं और अद्भुत प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण प्रदेश है। यहां का हर कोना पर्यटन की दृष्टि से खास है। रेवांचल में स्थित सरसी आईलैंड को देखकर पर्यटक गोवा और अंडमान-निकोबार जैसी अनुभूति करेंगे।”

सरसी आईलैंड का विकास

मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा 29 करोड़ रुपये की लागत से पांच हेक्टेयर क्षेत्र में सरसी आईलैंड को विकसित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आईलैंड को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और संजय नेशनल पार्क से जोड़ा जाएगा, ताकि पर्यटकों को और अधिक आकर्षित किया जा सके। बाणसागर डैम में जल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं, जो स्थानीय और विदेशी पर्यटकों को रोमांचक अनुभव प्रदान करेंगी।

जन कल्याण पर्व पखवाड़ा और पर्यटन

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में जन कल्याण पर्व पखवाड़ा मनाया जा रहा है, जिसके तहत विकास के विभिन्न आयामों को नया रूप दिया जा रहा है। सरसी आईलैंड का लोकार्पण इसी कड़ी का एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, “देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है। पर्यटन, शिक्षा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में यह प्रदेश अग्रणी भूमिका निभा रहा है।”

लोक कलाकारों और युवा प्रतिभाओं को सम्मान

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने विंध्य प्रदेश की 14 वर्षीय बाल कलाकार से मुलाकात की, जिसने अपनी कला से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। मुख्यमंत्री ने उसकी प्रशंसा करते हुए 51,000 रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की। इसके अलावा, बिरहुलिया से आए लोक कलाकार दल ने परंपरागत जनजातीय नृत्य कर्मा और शैला प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने लोक कलाकारों और संगीत मंडलियों के हर सदस्य को 5,000 रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की।

सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों को बढ़ावा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरसी आईलैंड और बाणसागर डैम के जल पर्यटन को बढ़ावा देकर क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। यह पहल क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित और प्रोत्साहित करने का भी प्रयास है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का पर्यटन दुनियाभर के लोगों को आकर्षित कर रहा है और आगे भी नई योजनाओं के माध्यम से इसे वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई जाएगी।

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मुख्य अतिथियों की उपस्थिति

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेंद्र शुक्ला, पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री श्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी, ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र के विधायक शरद कोल, और शहडोल जिला पंचायत अध्यक्ष प्रभा मिश्रा उपस्थित रहे। मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध संचालक डॉ. इलैया राजा टी ने अतिथियों का स्वागत किया और सरसी आईलैंड के विकास में उनके योगदान का धन्यवाद किया।

भविष्य की योजनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरसी आईलैंड का विकास केवल शुरुआत है। भविष्य में इसे और अधिक सुविधाओं और आकर्षणों से सुसज्जित किया जाएगा। प्रदेश में अन्य पर्यटन स्थलों को भी इसी तर्ज पर विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “सरकार का उद्देश्य है कि पर्यटन के माध्यम से प्रदेश की प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को न केवल संरक्षित किया जाए, बल्कि उन्हें आर्थिक विकास का माध्यम भी बनाया जाए।”

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सरसी आईलैंड का यह विकास न केवल मध्यप्रदेश के पर्यटन को नई पहचान देगा, बल्कि स्थानीय रोजगार और अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगा।

 

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