108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के यज्ञ कुंडो का निर्माण अंतिम चरण में
108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के यज्ञ कुंडो का निर्माण अंतिम चरण में

रिपोर्टर सम्राट अंकित कुशवाहा
मंडीदीप – शहर में 13 जनवरी से 16 में सम्पन्न होने होने वाले 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के लिए गायत्री परिवार के कार्यकर्ता एवं नगर के गणमान्य प्रतिनिधि यज्ञकुंडो के निर्माण में अपना श्रम और सहयोग दे रहे हैं. इस पुनीत कार्य में नारीशक्ति भी पीछे नहीं है. पुनीत कार्य में 85 वर्ष वयोवृद्ध रामचंद्र शर्मा एवं 80 वर्ष की श्रीमती शशिवाला श्रीवास्तव स्वयं अपने हाथों से मिट्टी ढोने और यज्ञ कुण्डों की लीपाई करने में तन्मय मिले। पूछने पर सभी ने एक सुर में यही कहा कि यह भगवान का कार्य है जो इस मंडीदीप क्षेत्र में नर नारी और बालकों में सुसंस्कार स्थापना के लिए किया जा रहा है.
आयोजन समिति के संयोजक श्री धीरज मनी तथा मीडिआ प्रभारी सुरेश श्रीवास्तव ने बताया कि यज्ञकुंडो की संरचना वैदिक आधार तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर की जाती है. कुंड की सबसे नीचे मेखला का आकार 30″मध्य का
25 तथा ऊपर 20″ है. कुंड का आकार नीचे ऊपर की ओर चौडाई के बढ़ते क्रम में है ताकि यज्ञ से उत्पन्न होती ऊष्मा और ऊर्जा आकाश की ओर फैलती हुई व्यापक बने. इस स्थान पर शांतिकुंज के तपस्वी साधकों की तपस्वी टोली के द्वारा उच्चरित वेदमंत्रो के माध्यम से पर्यावरण में पवित्रता का संचार करेगी. यज्ञ से उठने वाला धुंआ तीस फुट की ऊंचाइ तक उठकर तत्काल वायुमंडल को रोगजनक कटाणुओं से मुक्त करता है.
यज्ञ कुण्डों का का निर्माण कार्य कल तक पूर्ण हो जावेगा. साथ ही विराट पुस्तक मेला जिसमें यूगऋषि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित 3200 पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी तथा देवसंस्कृति प्रदर्शनी आदि की व्यवस्थाएं भी जुटाई जारही हैं.