नरसिंहपुरमध्य प्रदेशराज्य

शराब दुकानों की मनमानी बेबस प्रशासन MRP से ज्यादा रेट पर बेंची जा रही शराब, बिल भी नहीं देते

संवाददाता अवधेश चौकसे

नरसिंहपुर/आबकारी विभाग का काम अवैध शराब पर रोक लगाने और कार्यवाही करने का है, मगर शहर के शराब दुकानों में तय मूल्य से अधिक में बिक रही शराब को लेकर ऐसा लग रहा है जैसे अपनी ऊपरी कमाई के लिए विभाग ही अवैध शराब की बिक्री करा रहा हो? नरसिंहपुर जिले में शराब कारोबारी MRP को नहीं मानते। जिले भर में शराब MRP से काफी ज्यादा दाम पर बेंची जा रही है। बिल मांगने पर बिल भी नहीं दिया जाता। विभागीय सूत्रों की माने तो ठेकेदारों की मनमानी के कारण मनमाने दामों पर शराब बेंची जा रही है। जबकि नियम अनुसार MRP से ज्यादा दाम पर कोई भी सामान बेचना कानूनन गलत है। यह उपभोक्ता अधिकारों के भी खिलाफ है। आबकारी विभाग भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं देता। वह पूरी तरह मौन है। कारवाही के नाम पर विभाग कच्ची शराब सहित कुछ अंग्रेजी शराब के कोचीयो को पकड़कर खुद की पीठ थपथपाता है । लेकिन विभाग द्वारा संचालित सरकारी दुकानों में सेल्स मेन खुलेआम मदिरा प्रेमियों को तय मूल्य से 20 से 40 रुपए वही कोचियों को अधिक पैसा लेकर थोक के थोक में शराब धड़ल्ले से बेच कर नरसिंहपुर के शराब प्रेमियों को चूना लगा रहे है। सरकार के सख्त हिदायतों के बावजूद शराब दुकानों पर प्रिंट रेट से अधिक कीमत पर शराब बेची जा रही है। यही हाल आमगांव बड़ा अंग्रेजी शराब दुकान का है जहा नियमों को ताक पर रख कर यहाँ के सेल्समेन धड़ल्ले से ग्राहकों को तय मूल्य से अधिक मूल्य लेकर उन्हें दिन रात ठग रहे है। की बार खबरों के माध्यम से जिले की बहुत सी शराब दुकानों की खबरें चलाई गई मगर ऐसा लगता है कि यहां विभाग का हाथ भी है? शिकायत मिलने पर जिले के अधिकारी कार्यवाही नहीं करते साफ कह दिया जाता है की मौखिक पे कोई कार्यवाही नहीं होंगी लिखित शिकायत व साक्ष्य देना पड़ेगा ओर कोर्ट का भी चक्कर लगाना पड़ेगा।इससे ऐसा लग रहा है की जिम्मेदार साय सरकार के सुशासन को कुशासन की दिशा में ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। एक समय ऐसा ना आ जाये मौजूदा सरकार मे शराब घोटाला का आंकड़ा ज्यादा निकले? बहुत सीअंग्रेजी शराब दुकान में मदिरा ले रहे शराब प्रेमीयों ने नाम नही छापने की सर्त पे बताया की शराब की बोतल पे तय मूल्य से 20 से 40 रुपए अधिक लिया जा रहा है जिसका उनको बिल भी नहीं दिया जाता है। इसका विरोध करने पर दुकान के सेल्समेन के द्वारा गाली गलोच कर भगा दिया जाता है सूत्रों के बताए अनुसार दुकनो मे कुछ रॉयल स्टैग शराब पउआ बिक रही है जिसमे MRP ओर बैच नंबर नहीं है बावजूद इसके भी शराब को धड़ल्ले से बेचा जा रहा है I सबसे बड़ा सवाल यह है की बिना बेच नम्बर ओर एमआरपी के दारू कैसे बिक रही । स्थानीय लोगों का यह भी आरोप है कि यह सब कुछ आबकारी विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में हो रहा है. शराब प्रेमियों का कहना है कि शराब ठेकेदार जहां ग्राहकों के जेब पर डाका डालकर बेहिसाब मुनाफा कमा रहे हैं, वहीं विभागीय अधिकारियों की भी जेब भर रहे हैं। वही एक और शराब खरीदने वाले ने बताया की ओवर रेट का खेल दुकान में लगातार चल रहा है इसकी जानकारी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी को भी है इसकी शिकायत कई बार की गई है लेकिन कर्यवाही नहीं होती सूत्र। अब ऐसे में सोचने वाली बात है की ओवर रेट शराब की कालाबाजारी का सिलसिला चालू हो चूका है। अब देखने वाली बात यह है की इस खबर के प्रकाशित होने के बाद जिम्मेदार अधिकारी क्या कार्यवाही करते है या शासन प्रशासन मूकदर्शक बना देखता रहता है ?

130 MRP का क्वार्टर 150 में; 210 वाला बियर 250 में
जिले में शराब ठेकेदार द्वारा किस कदर अपनी मनमानी की जा रही है, इसका अंदाजा शराब के दामों ने लगाया जा सकता है। हालात यह हैं कि 130 रुपये की MRP वाला शराब WHISKY 180ML 180 रुपये से 250 रुपए में दिया वहीं BEER 650ML MRP 200 वाला 250 रुपये में दिया जाता है। यानि MRP से 20 से40 रुपये ज्यादा एक क्वाटर पर लिए जा रहे है इसी तरह अलग-अलग ब्रांड के दाम अलग-अलग लिए जाते हैं। हर शराब MRP से ऊपर ही बेंची जाती है। ग्राहक अगर बिल मांगता है तो उसे बिल भी नहीं दिया जाता। मजबूरी में वह उसी दाम पर खरीदने के लिए विवश रहता

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