भोपालमध्य प्रदेशराज्य

शहीद पुलिसकर्मियों ने “देशभक्ति-जन सेवा के संदेश” ध्येय वाक्य को सचमुच जिया – मुख्यमंत्री डॉ. यादव

50 बिस्तरीय अत्याधुनिक पुलिस अस्पताल स्वस्ति का मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण "ई-रक्षक" और "दिशा लर्निंग एप" किये गये लोकार्पित

शहीद पुलिसकर्मियों ने “देशभक्ति-जन सेवा के संदेश” ध्येय वाक्य को सचमुच जिया – मुख्यमंत्री डॉ. यादव

50 बिस्तरीय अत्याधुनिक पुलिस अस्पताल स्वस्ति का मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण
“ई-रक्षक” और “दिशा लर्निंग एप” किये गये लोकार्पित

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लगभग साढ़े बारह करोड़ की लागत से बने इस अत्याधुनिक अस्पताल ‘स्वस्ति’ में सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। पुलिस विभाग के वित्तीय प्रबंधन और अनुशासन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि अस्पताल को देखकर लगता है कि इसकी लागत और अधिक होनी चाहिए थी। कार्यक्रम के प्रारंभ में पुलिसकर्मियों की बेटियों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का तिलक लगाकर स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को पुलिस बैंड के साथ हर्ष फायर कर सलामी दी गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अस्पताल का निरीक्षण कर विजिटर बुक में अपने विचार अंकित किए।

40 हजार पुलिसकर्मियों को कर्मवीर योद्धा पदक

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने म.प्र. पुलिस के 40 हजार पुलिसकर्मियों को कोरोना काल में अदम्य साहस और सराहनीय कार्य के लिए कर्मवीर योद्धा पदक से सम्मानित करते हुए प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सांकेतिक रूप से 5 पुलिसकर्मियों को पदक एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए। कार्यवाहक निरीक्षक श्री मुनेंद्र गौतम, उप निरीक्षक सुश्री प्रियम्वदा सिंह, श्री गुलजार सिंह मार्को, आरक्षक श्री अजय पाल सिंह और आरक्षक श्री निशांत छारी को पदक एवं प्रशंसा पत्र प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर कुमार सक्सेना की सराहना करते हुए कहा कि विभाग का मुखिया ऐसा ही होना चाहिए है, जिस प्रकार से उन्होंने पुलिसकर्मियों के हित में स्वयं आगे होकर काम किए हैं।

 डेटा से काम करेगी पुलिस, डंडे से नहीं

पुलिस महानिदेशक ने “ई-रक्षक ऐप” के संबंध में बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कॉन्फ्रेंस में अपने संबोधन में कहा था कि “इस इलेक्ट्रानिक युग में पुलिस को डंडे के बजाय डेटा से काम करने की आवश्यकता है।” उनकी मंशा अनुरूप एमपी ई-रक्षक ऐप के द्वारा पुलिसकर्मियों को आदतन अपराधियों की जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध हो जाएगी। पुलिसकर्मी अपने ड्यूटी क्षेत्र में रहने वाले आदतन अपराधियों की जानकारी एक साथ देख सकेंगे। गश्त के दौरान संदिग्ध व्यक्ति के नाम को अपराधी के डेटाबेस में सर्च किया जा सकेगा। इसके साथ ही फेस रिकग्नाइजेशन मॉड्यूल के अंतर्गत आरोपी का फोटो अपलोड कर उसे संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके साथ ही व्हीकल सर्च विंडो में जाकर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन, ईंजन या चेसिस नंबर के द्वारा वाहन से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सकती है। चोरी एवं जप्ती हुए वाहन की जानकारी भी प्राप्त हो सकेगी। अन्य सुविधाओं से युक्त इस ऐप का भोपाल, इंदौर तथा अन्य जिलों में चरणबद्ध तरीके से ट्रॉयल रन प्रारंभ किया गया है।

दिशा लर्निंग ऐप

पुलिस महानिदेशक श्री सक्सेना ने कहा कि पुलिसकर्मी अपने कार्य के स्वरूप के कारण अपने व्यस्तताओं और मुख्यालय से बाहर ड्यूटी पर रहने के कारण बच्चों की शिक्षा पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। इस दृष्टि से पुलिसकर्मियों के बच्चों को अत्याधुनिक शिक्षा की दृष्टि से शैक्षणिक माहौल प्रदान करने के लिए दिशा लर्निंग ऐप सेंटर स्थापित किए गए हैं। ये सेंटर जिलों एवं बटालियन में प्रारंभ किए गए हैं। इन सेंटर्स में पुलिसकर्मियों के बच्चे शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। ऐप से विद्यार्थियों को व्यापक सूचनाएं एवं मार्गदर्शन प्राप्त हो सकेगा। इसके साथ ही उन्हें कॅरियर गाइडेंस भी प्रदान किया जाएगा। यह ऐप 8वीं और उसके बाद की कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए बनाया गया है। यह ऐप विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई और रोजगार से संबंधित दिशा निर्धारित करने में सहायक होगा।

खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री विश्वास सारंग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर, महापौर श्रीमती मालती राय, भोपाल सांसद श्री आलोक शर्मा, विधायक श्री भगवानदास सबनानी, अपर मुख्य सचिव गृह श्री एस.एन. मिश्रा, पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर कुमार सक्सेना, अपर पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाना, अपर पुलिस महानिदेशक श्री उपेन्द्र जैन एवं अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।

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