बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में भ्रष्टाचार की परतें खोलने वाले युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की बेरहमी से हत्या कर दी गई। मुकेश ने हाल ही में 120 करोड़ की लागत से बनी सड़क निर्माण में घोटाले की पोल खोली थी, जिसके बाद से उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं। उनका शव बीजापुर में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के बाड़े में बने सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ।
हत्या का खुलासा
मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी की शाम से लापता थे। उनकी लाश शुक्रवार देर रात सीमेंट से ढके सेप्टिक टैंक से निकाली गई। पुलिस और एफएसएल की टीम ने मौके पर जांच की। शव पर गला घोंटने और धारदार हथियार से वार के निशान पाए गए। ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और उसके परिवार पर हत्या की साजिश का शक है।
भ्रष्टाचार का मामला
मुकेश ने कुछ दिन पहले नेलसनार-कुडोली-मीरतुर मार्ग के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की खबर प्रकाशित की थी। ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के कार्य की आलोचना करने पर दोनों के बीच विवाद हुआ था।
पुलिस जांच और कार्रवाई
पुलिस ने ठेकेदार के छोटे भाई को हिरासत में लिया है, जबकि मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर अपने परिवार के साथ फरार है। जानकारी के मुताबिक, सुरेश चंद्राकर 2 जनवरी को रायपुर से दिल्ली की फ्लाइट लेकर भाग चुका है।
पत्रकारों का विरोध प्रदर्शन
इस घटना से आक्रोशित पत्रकारों ने शनिवार को बीजापुर में चक्काजाम किया। बस्तर संभाग के पत्रकार सड़क पर उतरकर न्याय की मांग कर रहे हैं।
एसपी जितेंद्र यादव का कहना है, “मामले की गंभीरता से जांच हो रही है। जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल
यह घटना समाज में स्वतंत्र पत्रकारिता पर हो रहे हमलों की ओर इशारा करती है। पत्रकारों ने सरकार से मुकेश चंद्राकर के हत्यारों को कड़ी सजा देने और पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की है।
निष्कर्ष:
मुकेश चंद्राकर की हत्या ने समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार और अपराध की सच्चाई उजागर करने वाले पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी और पारदर्शिता से न्याय दिला पाता है।