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पोडार चौराहा पर लगातार तीन बार चोरी की वारदातों को अंजाम! आखिर में गुस्साय दुकानदारों ने मिलकर पकड़ा चोर

चोरी की घटनाओं के प्रति पुलिस का यह लचीलापन कभी इन बड़े संस्थानों के लिए खतरा न बन जाए।

पोडार चौराहा पर लगातार तीन बार चोरी की वारदातों को अंजाम! आखिर में गुस्साय दुकानदारों ने मिलकर पकड़ा चोर

सालीचौका- समीप पोडार चौराहा पर अभी तक इस हफ्ते तीन दुकानों के ताले टूट चुकें हैं। तीनो ने पुलिस से शिकायत की बताया गया की अभी तक 10 से अधिक दुकानों के तले टूट चुके हैं जिनमें दुकानदारों का हजारों का माल चोर उचक्के पार कर चुके हैं। लेकिन प्रशासन में बैठे जिम्मेदारों ने आज तक चोरी की इन वारदातों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कि आखिर चोरों के इतने हौसले बुलंद कैसे हैं। क्या पुलिस का भय खत्म हो गया है। आपको बता दें कि पोडार चौराहा पर विभिन्न तरह की दुकानों के अलावा कुछ दुकान दारो के निवास भी है जिसमें परिवार निवास करते है उनमें भय का माहौल है कि कब किसके यहां चोर धावा बोल दे पता नही है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई ऊपर से इस सप्ताह दुकानों के ऊपर टीन के छतो को उखाड़ कर चोरी को अंजाम दिया गया है। जिसमे रवि किराना स्टोर में चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया अभी महज चंद दिनों पहले सोनी पान जनरल की दुकान संचालक संजय सोनी वही राजेश अहिरवार की मोबाइल व किराना दुकान में भी चोरी की वारदात हुई अभी 2 दिन पूर्व मेन दुकान बजरंग होटल संचालक पोहप सिंह ,लाल पटेल जो की पोडार चौराहा की सबसे बड़ी और सबसे अधिक चलने वाली होटल के अलावा अन्य समान भी है उसके ऊपर छत से चोर ने टीन सेट को खोलकर सिलिग तोड़ दी अंदर घुसने की कोशिश की और अंदर घुस गया गनीमत यह रही कि आसपास के लोगों को रात्रि में दुकान से तेज आबाज सुनाई दी तभी रात में ही सभी ने मिलकर दुकान को घेरा शटर खोली सभी ने चोर को पकड़ा गुस्साय लोगों ने चोर की जमकर पिटाई लगाई । देखा गया की चोर तो नजदीकी खेरुआ मोहपा निवासी हैं। फिर चोर को पुलिस के हवाले किया गया । देखा जाए तो पोडार चौराहा पर लगातार चोरी की वारदात हो रही है इस बात का सबूत भी है। दुकानदारों का कहना है कि उक्त पोडार चौराहे पर पुलिस की गस्त रात10 बजे से रात 4 बजे रात्रि को होना चाहिए अगर रात्रि में तीन बार पुलिस गस्त होगी तो शायद इन चोरी की वारदातों के आलावा व शराबियों के आतंक से भी राहत मिलेगी लेकिन ऐसा होता नहीं है सैकड़ो बार जिनके साथ यह घटनाएं हुई उन्होंने आवेदन दिए आवेदन पर सिर्फ सील ठप्पा लगाकर पीड़ित व्यक्ति को थमा दिया जाता है। उसके बाद कभी प्रशासन में बैठे जिम्मेदार लोग यह नहीं पूछने जाते या यह नहीं बता पाते की आखिर उनकी चोरी किसने की उनका माल बरामद हुआ कि नहीं हुआ उनके चोरी के आवेदन पर क्या कार्यवाही हुई आदि तरह की जानकारियां नहीं दी जाती है। लेकिन इसके बावजूद भी चोरी की घटनाओं के प्रति पुलिस का यह लचीलापन कभी इन बड़े संस्थानों के लिए खतरा न बन जाए।

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