MP में गरीब विधवा सिस्टम की गलती की शिकार: ‘लाड़ली बहना योजना’ में जिंदा महिला को मृत घोषित कर बंद की किस्त

बैतूल: मध्य प्रदेश के बैतूल में एक गरीब विधवा महिला सरकारी तंत्र की लापरवाही का शिकार हो गई। ‘लाड़ली बहना योजना’ के पोर्टल पर उसे मृत घोषित कर दिया गया, जिसके चलते पिछले छह महीनों से उसकी मासिक किस्त बंद हो गई है। सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत के बावजूद उसे योजना का लाभ नहीं मिल रहा। अब विभाग ने पोर्टल में सुधार का आश्वासन दिया है, लेकिन कविता माली नाम की यह महिला खुद को जिंदा साबित करने की जद्दोजहद में भटक रही है।
गलती से महिला को किया ‘मृत’ घोषित
बैतूल बाजार निवासी कविता माली के पति अरविंद माली का मार्च 2023 में हार्ट अटैक से निधन हो गया था। पति का नाम समग्र पोर्टल से हटवाने के लिए कविता ने नगर परिषद में आवेदन दिया, लेकिन नगर परिषद की गलती से पति की जगह उसे ही मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद ‘लाड़ली बहना योजना’ में उसकी किस्त आना बंद हो गई।
कविता अगस्त 2024 तक योजना की राशि पाती रही, लेकिन इसके बाद अचानक भुगतान रोक दिया गया। जब उसने नगर परिषद में शिकायत की, तब जाकर पता चला कि सिस्टम में उसे मृत व्यक्ति दिखाया जा रहा है।
छोटे बच्चे और आर्थिक तंगी से जूझ रही कविता
कविता ने बताया कि पति की मौत के बाद वह अकेले घर चला रही है। उसका बेटा मानसिक रूप से कमजोर है। घर चलाने के लिए वह एक प्राइवेट क्लिनिक में काम कर मासिक 3000 रुपये कमाती है, जबकि 600 रुपये विधवा पेंशन मिलती है। कविता ने कहा,
“अगस्त तक योजना की किस्त मिल रही थी, फिर अचानक बंद हो गई। नगर परिषद गई तो पता चला कि गलती से मुझे मृत दिखा दिया गया है। मैं अपना हक वापस चाहती हूं।”
CM Helpline भी बेकार, प्रशासन दे रहा सिर्फ आश्वासन
कविता ने सीएम हेल्पलाइन 181 पर शिकायत दर्ज कराई, लेकिन वहां से जवाब मिला कि एक बार नाम कटने के बाद योजना का लाभ दोबारा नहीं मिल सकता। नगर परिषद ने गलती सुधारते हुए समग्र पोर्टल में कविता का नाम फिर से जोड़ा और उसकी विधवा पेंशन बहाल कर दी, लेकिन ‘लाड़ली बहना योजना’ का लाभ अब तक बहाल नहीं किया गया।
क्या कहते हैं अधिकारी?
नगर परिषद बैतूल बाजार के सीएमओ विजय तिवारी ने कहा,
“कविता माली के मामले में हमने महिला एवं बाल विकास विभाग को पत्र लिखा है। जल्द ही उसे योजना का लाभ दिलाया जाएगा।”
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला अधिकारी गौतम ने बताया,
“यह गलती नगर परिषद की है। हमने भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भेजा है। पोर्टल का संचालन भोपाल स्तर से होता है, इसे सुधारने का प्रयास जारी है।”
सरकारी तंत्र की बड़ी चूक
मध्य प्रदेश सरकार ‘लाड़ली बहना योजना’ के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक सहायता देने का दावा करती है, लेकिन सरकारी सिस्टम की गलती ने कविता जैसी जरूरतमंद महिला को छह महीने से परेशान कर रखा है। यह मामला प्रशासन की लापरवाही और सरकारी योजनाओं में मौजूद खामियों को उजागर करता है। अब देखना होगा कि कब तक कविता को उसका हक वापस मिलता है, या फिर उसे और भटकना पड़ेगा।