लंदन का बताकर फर्जी डॉक्टर ने की 7 हार्ट सर्जरी, सभी मरीजों की मौत — दमोह के मिशन अस्पताल में बड़ा फर्जीवाड़ा

दमोह (मध्यप्रदेश), 6 अप्रैल 2025:
दमोह जिले के प्रतिष्ठित मिशन अस्पताल में चिकित्सा जगत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। एक युवक ने खुद को लंदन का कार्डियक सर्जन बताकर अस्पताल में नौकरी हासिल की और दिल के मरीजों की सर्जरी करना शुरू कर दिया। फरवरी माह में उसकी सर्जरी से 7 मरीजों की मौत हो चुकी है।
फर्जी डॉक्टर की पहचान नरेंद्र विक्रमादित्य यादव के रूप में हुई है, जो अस्पताल में डॉ. एन. जॉन केम के नाम से काम कर रहा था। यह खुलासा तब हुआ जब बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दीपक तिवारी ने मामले की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में की।
फर्जीवाड़ा ऐसे आया सामने
आरोपी ने जाली दस्तावेज बनाकर खुद को ब्रिटेन का विशेषज्ञ कार्डियक सर्जन बताया। उसे मिशनरी अस्पताल में नौकरी मिल गई, जो आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकृत है। इस योजना के अंतर्गत गरीब मरीजों का मुफ्त इलाज होता है, जिससे सरकारी फंड के दुरुपयोग का भी आरोप सामने आया है।
मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि आरोपी की लापरवाही से 7 मरीजों की जान जा चुकी है और असली आंकड़ा इससे अधिक हो सकता है।
प्रशासनिक कार्रवाई शुरू
जांच अधिकारी अस्पताल के सभी दस्तावेज जब्त कर चुके हैं। आरोपी के खिलाफ पहले से हैदराबाद में भी आपराधिक मामला दर्ज है।
CMHO डॉ. मुकेश जैन ने कहा है कि मामला जांच में है और रिपोर्ट आने के बाद ही विस्तृत जानकारी दी जा सकेगी।
वहीं कलेक्टर सुधीर कोचर ने बताया कि एक जांच टीम दमोह भेजी गई है और पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
बड़ा सवाल: कैसे मिली अस्पताल में एंट्री?
इस गंभीर प्रकरण ने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की निगरानी व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। इतना बड़ा फर्जीवाड़ा कैसे हुआ, यह जांच का मुख्य विषय बना हुआ है।