
झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड: 10 नवजात शिशुओं की मौत, जबकि 16 बच्चे गंभीर रूप से घायल
उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के चाइल्ड वार्ड में शुक्रवार देर रात हुए भीषण अग्निकांड ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस दर्दनाक घटना में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई, जबकि 16 बच्चे गंभीर रूप से घायल हैं।
प्रत्यक्षदर्शी का दावा: हादसे की असली वजह
जहां शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट को आग लगने की वजह बताया गया था, वहीं अब एक प्रत्यक्षदर्शी ने इस घटना के पीछे एक और कहानी सामने रखी है। हमीरपुर निवासी भगवान दास, जो अपने पोते के इलाज के लिए वार्ड में मौजूद थे, ने बताया कि हादसा शॉर्ट सर्किट से नहीं, बल्कि एक नर्स की लापरवाही से हुआ।
भगवान दास का दावा है कि ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को ठीक करने के दौरान नर्स ने माचिस की तीली जलाई। जैसे ही तीली जली, ऑक्सीजन से भरे वार्ड में आग तेजी से फैल गई। उन्होंने तुरंत अपनी सूझबूझ दिखाते हुए 3-4 बच्चों को अपने गले में पड़े कपड़े से ढककर बचाया। अन्य लोगों ने भी मदद की, लेकिन तब तक आग विकराल रूप ले चुकी थी।
अधिकारियों का बयान और जांच
झांसी के चीफ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट का कहना है कि एनआईसीयू वार्ड में कुल 54 बच्चे भर्ती थे। आग लगने के बाद दमकल विभाग ने तेजी से कार्रवाई की, और अब स्थिति नियंत्रण में है। झांसी डिवीजन के डीआईजी ने बताया कि घायलों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए 12 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। डीआईजी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।
परिजनों का आक्रोश और प्रशासन की जिम्मेदारी
इस दर्दनाक घटना के बाद परिजन सदमे में हैं और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। नर्स द्वारा माचिस की तीली जलाने का दावा यदि सत्य साबित होता है, तो यह अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही को उजागर करता है।