गुरु नानक जयंती 2024: देशभर में प्रकाश पर्व की रौनक, श्रद्धा और सेवा का उमड़ा सैलाब
नई दिल्ली: आज देश-विदेश में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाई जा रही है। इस शुभ अवसर को प्रकाश पर्व या गुरुपुरब के रूप में भी जाना जाता है। गुरुद्वारों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, और हर जगह गुरु नानक जी के उपदेशों और शिक्षाओं की गूंज सुनाई दे रही है।
गुरुद्वारों में विशेष आयोजन और सेवा भाव
दिल्ली का बंगला साहिब, अमृतसर का स्वर्ण मंदिर और पटना साहिब जैसे प्रमुख गुरुद्वारों में भक्तों का तांता लगा हुआ है।
अमृत वेले में अरदास के साथ शबद-कीर्तन हो रहा है, जहां हजारों श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं।
पूरे दिन अखंड पाठ का आयोजन हो रहा है, जिसमें गुरु ग्रंथ साहिब का निरंतर पाठ किया जायेगा।
लंगर सेवा का आयोजन गुरुद्वारों में दिनभर चलेगा, जहां सभी को मिल-बांटकर भोजन कराया जायेगा। लंगर में सेवा करने वालों का उत्साह देखते ही बन रहा हैं।
नगर कीर्तन की झांकियों में गुरु नानक देव जी की झलक
देशभर में नगर कीर्तन निकाले गए, जिनमें गुरु नानक देव जी के जीवन और उनकी शिक्षाओं को सुंदर झांकियों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया।
अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में निकाले गए नगर कीर्तन में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
विशेष रूप से सजाई गई झांकियों में गुरु नानक जी के बचपन, उनकी यात्राओं और उनके उपदेशों की झलक देखने को मिली।
ननकाना साहिब, पाकिस्तान में भी बड़े स्तर पर आयोजन किया गया, जिसमें भारत से गए श्रद्धालुओं ने गुरु के जन्मस्थान पर अपनी श्रद्धा अर्पित कर रहे हैं।
देशभर के नेताओं ने दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा,
“गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं हमें सच्चाई, सेवा और एकता का संदेश देती हैं। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि हम भेदभाव, द्वेष और जात-पात से ऊपर उठकर मानवता की सेवा करें।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी सभी देशवासियों को प्रकाश पर्व की बधाई दी। उन्होंने कहा कि गुरु नानक जी का संदेश आज के समय में भी उतना ही प्रासंगिक है जितना पहले था।
गुरु नानक देव जी के तीन मुख्य सिद्धांत
गुरु नानक देव जी का जीवन और उनकी शिक्षाएं हमें तीन मुख्य सिद्धांतों पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं:
1. नाम जपो – ईश्वर का स्मरण और सच्चाई के मार्ग पर चलना।
2. किरत करो – ईमानदारी और मेहनत से अपना जीवनयापन करना।
3. वंड छको – जरूरतमंदों के साथ अपनी कमाई और भोजन को साझा करना।
गुरु नानक जी ने मानवता को यह सिखाया कि धर्म का असली उद्देश्य प्रेम, करुणा, और सेवा भाव है।
दुनिया भर में गूंजा गुरु नानक का संदेश
गुरु नानक जयंती केवल भारत तक ही सीमित नहीं है। अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों में बसे सिख समुदाय ने भी बड़े ही श्रद्धा भाव से इस दिन को मना रहे हैं। कई जगहों पर लंगर और भक्ति संगीत का आयोजन हो रहा है, जहां लोगों ने गुरु के उपदेशों का पालन करने का संकल्प लिया।
समारोह का आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व
गुरु नानक देव जी के सिद्धांत केवल धर्म के लिए नहीं, बल्कि संपूर्ण समाज के लिए प्रेरणादायक हैं। उन्होंने जातिवाद, भेदभाव, और अंधविश्वास के खिलाफ आवाज उठाई और एक ऐसा समाज बनाने की प्रेरणा दी जो प्रेम, समानता और भाईचारे पर आधारित हो।
आज का यह प्रकाश पर्व हमें सिखाता है कि हम सभी एक समान हैं, और हमें अपने जीवन में सच्चाई, ईमानदारी और सेवा का मार्ग अपनाना चाहिए।
गुरु नानक जयंती पर देशभर में उमड़ी इस श्रद्धा और उत्सवधर्मिता ने एक बार फिर साबित किया कि गुरु नानक का संदेश मानवता के लिए एक अमूल्य विरासत है।