एनएसयूआई का गुस्सा फूटा: शासकीय नर्मदा महाविद्यालय के प्राचार्य के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन

संवाददाता राकेश पटेल इक्का
नर्मदापुरम।
शासकीय नर्मदा महाविद्यालय के प्राचार्य के खिलाफ मंगलवार को एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। कॉलेज परिसर में कार्यकर्ताओं ने प्राचार्य के कक्ष के बाहर प्रदर्शन किया और प्राचार्य की तस्वीर पर विद्यार्थी परिषद का गमछा पहनाकर विरोध दर्ज कराया।
एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि प्राचार्य की कार्यशैली पक्षपातपूर्ण है और वे खुलेआम एक छात्र संगठन के पक्ष में काम कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने मांग की कि प्राचार्य को परिषद की खुली सदस्यता ले लेनी चाहिए और नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
क्या है पूरा मामला?
एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि कॉलेज परिसर में निरंतर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों के लिए न तो जनभागीदारी शुल्क लिया जाता है और न ही शासकीय संपत्ति पर परिषद के झंडे लगाने से रोका जा रहा है। आरोप है कि स्वयं प्राचार्य इन कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं, जो उनकी निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है।
इस दौरान कार्यकर्ताओं और प्राचार्य के बीच तीखी बहस भी हुई। एनएसयूआई का कहना है कि सत्ता के दबाव में शासकीय संपत्ति का दुरुपयोग किया जा रहा है और प्राचार्य की भूमिका बेहद निंदनीय है।
निष्पक्षता पर सवाल
एनएसयूआई ने सवाल उठाए कि यदि भविष्य में छात्र संघ चुनाव होते हैं, तो प्राचार्य की निष्पक्षता किस ओर झुकी रहेगी, यह पहले से ही संदेह के घेरे में है। एक जिम्मेदार पद पर बैठकर किसी एक संगठन का पक्ष लेना कॉलेज जैसे शैक्षणिक संस्थान के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
क्या बोले एनएसयूआई कार्यकर्ता?
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की और प्राचार्य पर परिषद के पक्ष में काम करने का आरोप दोहराया। उनका कहना था कि यह कॉलेज संभाग का सबसे बड़ा महाविद्यालय है और यहाँ की कार्यप्रणाली पूरी तरह निष्पक्ष व पारदर्शी होनी चाहिए।
मुख्य बिंदु (Highlights):
- प्राचार्य की कार्यशैली को लेकर एनएसयूआई का विरोध।
- विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रमों में प्राचार्य की सक्रियता पर सवाल।
- शासकीय संपत्ति के दुरुपयोग और निष्पक्षता को लेकर प्रदर्शन।
- छात्र संघ चुनावों में निष्पक्षता को लेकर जताई आशंका।