देवरी कला में “अल्पविराम” कार्यक्रम का सफल आयोजन, ग्रामीणों ने सीखी आत्मचिंतन की कला

गाडरवारा (देवरी कला)।
राज्य आनंद संस्थान, मध्य प्रदेश के निर्देशानुसार आनंद विभाग द्वारा देवरी कला ग्राम में एकदिवसीय “अल्पविराम” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीणों को आत्मचिंतन, जीवन संतुलन और व्यक्तिगत आनंद की ओर प्रेरित करना रहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से
कार्यक्रम का शुभारंभ ग्राम सरपंच श्री सपलेंद जाट एवं ग्राम सचिव श्री राकेश भार्गव द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। इसके पश्चात ईश प्रार्थना और स्वागत गीत के साथ कार्यक्रम का औपचारिक आरंभ हुआ।
ग्रामीणों को मिला आत्मचिंतन का अवसर
कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर मुक्ति राय ने आनंद विभाग की विभिन्न गतिविधियों का परिचय देते हुए ग्रामीणों को “अल्पविराम” की मूल भावना से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम कैसे व्यक्तियों को रुककर अपने जीवन पर सोचने, आंतरिक आनंद खोजने और सकारात्मकता बढ़ाने में मदद करता है।
“जीवन का लेखा-जोखा” विषय पर संवाद
मास्टर ट्रेनर यमुना विश्वकर्मा ने “जीवन का लेखा-जोखा” विषय पर संवाद किया, जिसमें उन्होंने बताया कि हम किस प्रकार अपने जीवन की प्राथमिकताओं को समझकर संतुलन बना सकते हैं। उनके व्याख्यान में ग्रामीणों ने रुचि लेकर भाग लिया और अपनी जिज्ञासाएँ भी साझा कीं।
रिश्तों और सहयोग की भूमिका पर चर्चा
कार्यक्रम में जिला संपर्क व्यक्ति एवं मास्टर ट्रेनर विप्रा मोदी ने रिश्तों की भूमिका, सामाजिक सहयोग और आनंद विभाग की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने ग्रामीणों से जुड़े रहने की अपील करते हुए कहा कि यह यात्रा आत्मविकास की ओर एक छोटा लेकिन सशक्त कदम है।
स्थानीय सहयोगियों की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में आनंदम सहयोगी रामकिशोर चौधरी, शिवशंकर पटेल और आनंद ग्राम के सभी सक्रिय सदस्य उपस्थित रहे और उन्होंने कार्यक्रम की सफलता में सहयोग किया।
ग्रामीणों की सराहना
देवरी कला के ग्रामीणों ने इस आत्मिक एवं प्रेरणादायक आयोजन की सराहना की और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों से जुड़ने का भरोसा जताया।
नोट: “अल्पविराम” कार्यक्रम न केवल आत्मनिरीक्षण को प्रोत्साहित करता है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक प्रेरक प्रयास भी है।