नर्मदापुरम में कानून व्यवस्था पर छिड़ा बड़ा विवाद: विधायक और एसपी आमने-सामने, बढ़ते अपराधों पर गहराया असंतोष
नर्मदापुरम में अपराध का बढ़ता ग्राफ एसपी की तैनाती पर उठे सवाल, विधायक और समाजसेवियों ने जताई चिंता

संवाददाता राकेश पटेल इक्का
नर्मदापुरम।
शहर में लगातार बढ़ते अपराधों और पुलिस की निष्क्रियता को लेकर नर्मदापुरम में कानून-व्यवस्था एक बार फिर से चर्चा के केंद्र में आ गई है। हाल ही में मीनाक्षी चौक स्थित पीली खंती में हुए दोहरे हत्याकांड ने आम जनमानस को झकझोर कर रख दिया है। इससे पहले भी शहर में हो रही जघन्य घटनाओं ने लोगों को दहशत में डाल दिया है।
विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा का तीखा रुख
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और नर्मदापुरम विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को लेकर पुलिस प्रशासन को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने आईजी और एसपी को ज्ञापन सौंपते हुए स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि अपराधों पर लगाम नहीं लगी तो वे धरना-प्रदर्शन करने से पीछे नहीं हटेंगे।
पत्रकार वार्ता में विधायक ने कहा, “यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है, यह समाज और शहर का मामला है। यदि पुलिस प्रशासन ने शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाए, तो हम चुप नहीं बैठेंगे।”
थानों के बगल में चल रहा सट्टा, अधिकारी मौन
विधायक ने विशेष रूप से आईपीएल सट्टे और अवैध शराब बिक्री का उल्लेख करते हुए कहा कि थानों के बगल में खुलेआम सट्टा संचालित हो रहा है। दशहरा मैदान जैसे सार्वजनिक स्थानों पर शराब बेची जा रही है, लेकिन पुलिस कार्रवाई करने में असमर्थ दिख रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि त्रैमासिक बैठकों में हुई चर्चा का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
उन्होंने तीन साल से अधिक समय से एक ही थाने में पदस्थ पुलिस कर्मियों की सूची अधिकारियों को सौंपते हुए यह चेतावनी भी दी कि यदि इन्हें नहीं हटाया गया तो उनके नाम सार्वजनिक किए जाएंगे।
एसपी डॉ. गुरकरण सिंह ने दी प्रतिक्रिया
विधायक के तीखे तेवरों के बाद एसपी डॉ. गुरकरण सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “बीते तीन वर्षों में नर्मदापुरम जिले में अपराधों में कमी आई है। पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है और सभी थानों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि अपराधियों पर कठोर कदम उठाए जाएं।”
एसपी ने यह भी कहा कि अराजकता जैसी स्थिति नहीं है, और पुलिस टीम समर्पण के साथ अपना कार्य कर रही है। उन्होंने विधायक द्वारा दिए गए ज्ञापन के संबंध में कहा कि जो विषय उठाए गए हैं, उन पर प्रभावी कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
कानून-व्यवस्था बनी राजनीति और प्रशासन के बीच टकराव का मुद्दा
विधायक और एसपी के बीच बढ़ती तल्खी से यह स्पष्ट है कि नर्मदापुरम में कानून-व्यवस्था केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि अब राजनीतिक और सामाजिक चिंता का विषय भी बन चुकी है। जनता, जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों की ओर से लगातार उठ रही आवाज़ों को नजरअंदाज करना अब पुलिस के लिए आसान नहीं रहेगा।
निष्कर्ष
शहर की हालिया आपराधिक घटनाएं और जनप्रतिनिधियों की नाराजगी इस ओर इशारा कर रही है कि नर्मदापुरम में अब ‘सिस्टम की सफाई’ की जरूरत है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस प्रशासन इस दबाव से कैसे निपटता है और क्या अपराध नियंत्रण की दिशा में कोई ठोस परिवर्तन देखने को मिलेगा।