ब्यावर

ब्यावर रेप-ब्लैकमेल कांड में सनसनीखेज खुलासा: ब्राम्हणों की लड़कियों को फंसाने की कीमत 20लाख, अन्य समुदाय की लड़कियों को फंसाने का 10 लाख…

ब्यावर: राजस्थान के ब्यावर जिले के विजयनगर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें नाबालिग लड़कियों को जाल में फंसाकर ब्लैकमेल करने और धर्म विशेष में आस्था रखने के लिए मजबूर करने का आरोप लगा है। पुलिस ने इस मामले में अब तक 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि 2 नाबालिगों को हिरासत में लिया गया है।

कैसे लड़कियों को फंसाया जाता था?

पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि आरोपी पहले दोस्ती करने का दबाव बनाते थे। जबरदस्ती लड़कियों को घुमाने-फिराने ले जाते और रेस्टोरेंट में बुलाकर अश्लील वीडियो और फोटो खींच लेते। इसके बाद उन्हीं वीडियो और तस्वीरों के जरिए लड़कियों को ब्लैकमेल किया जाता था।

पीड़िता ने यह भी खुलासा किया कि ब्राह्मण समुदाय की लड़की को फंसाने पर 20 लाख रुपये, अन्य समुदाय की लड़कियों को फंसाने पर 10 से 15 लाख रुपये दिए जाते थे।

गिरोह में 12 से 15 आरोपी शामिल!

स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने इस मामले में विरोध-प्रदर्शन किया और पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की। पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह में 12 से 15 युवक शामिल हैं, जो संगठित तरीके से इस अपराध को अंजाम दे रहे थे।

7 आरोपियों पर केस दर्ज, कुछ अब भी फरार

पुलिस ने पॉक्सो एक्ट और अन्य गंभीर धाराओं में 7 आरोपियों को राउंड अप किया है। अब तक गिरफ्तार आरोपियों में रिहान मोहम्मद, सोहेल मंसूरी, लुकमान, अरमान पठान और साहिल कुरैशी के नाम सामने आए हैं। पुलिस का कहना है कि कुछ आरोपी अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।

ब्लैकमेल कर बनाई गई नई शिकार

जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने पहले एक लड़की को अपने जाल में फंसाया, उसे मोबाइल फोन दिया और फिर ब्लैकमेल करने लगे। इसके बाद उसे मजबूर किया गया कि वह अपनी सहेलियों को भी इस जाल में फंसाए, नहीं तो उसे बुरी तरह नुकसान पहुंचाया जाएगा।

क्या कह रही है पुलिस?

मसूदा डीवाईएसपी सज्जन सिंह राठौड़ ने बताया कि परिजनों की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस का कहना है कि इस गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान कर जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

स्थानीय लोगों में आक्रोश

इस घटना के सामने आने के बाद स्थानीय लोगों, अभिभावकों और हिंदू संगठनों में भारी आक्रोश है। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए प्रशासन पर भी सवाल उठाए हैं।

आगे क्या?

पुलिस अब आरोपियों के मोबाइल डेटा और सोशल मीडिया चैट की जांच कर रही है। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि इस गिरोह का नेटवर्क कितना बड़ा है और किन-किन लोगों को निशाना बनाया गया है।

निष्कर्ष:

यह मामला सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं बल्कि सुनियोजित तरीके से किए जा रहे अपराध का संकेत है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई के बावजूद, अब भी कई सवाल अनसुलझे हैं—क्या यह गिरोह और बड़े स्तर पर सक्रिय है? क्या अन्य जगहों पर भी ऐसा हो रहा है? इन सभी सवालों के जवाब आने वाले दिनों में जांच पूरी होने के बाद मिल सकते हैं।

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