बूढ़ी और अपाहिज गायों की देखभाल कांजी हाऊस में नहीं, गौ-शालाओं में होंगी : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
10 या अधिक गायें पालन करने वालों को दिया जायेगा अनुदान
बूढ़ी और अपाहिज गायों की देखभाल कांजी हाऊस में नहीं, गौ-शालाओं में होंगी : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
10 या अधिक गायें पालन करने वालों को दिया जायेगा अनुदान
गौवध के दोषियों को मिलेगा 7 वर्ष का सख्त कारावास
गौ-वंश पालकों को भी दिये जायेंगे क्रेडिट कार्ड
गौ-वंश के बेहतर आहार के लिये प्रति गौ-वंश की राशि की जायेगी दोगुनी
अगली पशु गणना में प्रदेश को तीसरे से नम्बर वन बनाएंगे
प्रदेश में गौ-वंश संरक्षण के लिये हो रहे विशेष प्रयास
दुग्ध उत्पादन में प्रदेश को लाएंगे पहले स्थान पर
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य स्तरीय गोवर्धन पूजा समारोह को किया संबोधित
दुग्ध सहकारिता क्षेत्र में लौह पुरूष सरदार पटेल के योगदान का किया स्मरण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड से अनुबंध कर प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की रणनीति तैयार की गई है। लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल ने दुग्ध सहकारिता आंदोलन को गति दी थी। आज “अमूल” के उत्पाद देश-विदेश में लोकप्रिय हैं। मध्यप्रदेश में गुजरात पैटर्न पर दुग्ध सहकारिता क्षेत्र में किसानों और पशुपालकों की सहायता के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दूध, घी और मक्खन के साथ गौ-काष्ठ का भी उपयोग हो रहा है। गोबर से खिलौने और कलाकृतियां तैयार की जा रही हैं। प्रदेश सरकार गौ-पालन को प्रोत्साहित करने के लिए गौ-शाला को प्रति गाय 20 रुपये के स्थान पर 40 रुपये के अनुदान का निर्णय ले चुकी है। जो पशुपालक 10 या उससे अधिक गायों का पालन करेंगे उन्हें भी विशेष अनुदान दिया जाएगा। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में वर्तमान में देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 9 प्रतिशत उत्पादन हो रहा है, जिसे 20 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। सभी गाँव में दुग्ध संघ के माध्यम से गतिविधियां बढ़ाई जाएंगी। प्रारंभ में 11 हजार गाँव में दुग्ध सहकारी समितियों के माध्यम से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि का प्रयास है। प्रदेश में इस वर्ष गौ-वंश रक्षा पर्व मनाया जा रहा है।
गौ-वध के दोषी को मिलेगा 7 वर्ष का सख्त कारावास
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौ-वंश से समृद्ध प्रदेश में गौ-माता के संरक्षण के लिये समुचित प्रावधान किये जा रहे है। गौ-वध को रोकने के लिये समुचित व्यवस्था की गई है। गौ-वध का दोषी पाये जाने पर 7 वर्ष की सख्त सजा देने का कानूनी प्रावधान है।
प्रदेश है गौ-वंश में समृद्ध
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश गौ-वंश में समृद्ध है। प्रदेश में लगभग 1 करोड़ 39 लाख गायें हैं। वर्ष 2019 की पशु गणना के अनुसार मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है। हम अगली पशुगणना में देश में प्रथम स्थान पर आने का प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गौ-पालकों को प्रोत्साहन, गौ-वंश संरक्षण के सरकार के प्रयासों और योजनाओं की जानकारी दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में पशु चिकित्सा के लिये गौ-एंबुलेंस का संचालन भी किया जा रहा है।
शहरों और ग्रामों में अर्थव्यवस्था में भी सहयोगी है गौ-पालन
मुख्यमंत्री डॉ. ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने के लिए मध्यप्रदेश गौ-वंश संरक्षण सहित अन्य क्षेत्रों में कार्य कर रहा है। भारत विश्व में 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। शीघ्र ही भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। ग्रामों में कृषि कार्य के साथ पशुपालन एवं गौ-पालन किसान की आर्थिक समृद्धि में सहयोगी है। शहरों में भी गौपालन से पशुपालक अपनी आय बढ़ा सकते हैं। मध्य प्रदेश इस क्षेत्र में निरंतर कार्य कर रहा है। पशुधन संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज राज्य स्तर पर गोवर्धन पूजा कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि पूरे प्रदेश में कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गोवर्धन पूजा हमारी संस्कृति की प्रतीक भी है, जिससे विश्व में भारत की पहचान है।
मानवता का संरक्षण करती है गाय
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा को समर्पित इस पर्व से संबंधित यह मान्यता भी है कि भगवान श्रीकृष्ण ने वृंदावन क्षेत्र के नागरिकों को आपदाओं से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया था। यह घटना भगवान द्वारा उन भक्तों को सुरक्षा देने का भी प्रतीक है, जो उनकी शरण में आते हैं। गोवर्धन पूजा में अन्न का पर्वत बनाया जाता है, इसे अन्नकूट कहा जाता है। भगवान श्रीकृष्ण के गायों के प्रति प्रेम से ही उनका नाम गोपाल हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विश्व के हर देश में गौपालन देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश में मालवी गाय विशिष्ट है। गाय माँ के समान है, वह सृष्टि की जननी भी मानी गई है। शास्त्रों के अनुसार ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना के बाद सर्वप्रथम गाय को ही पृथ्वी पर भेजा था। गाय माँ लक्ष्मी का भी स्वरूप है और इसे कामधेनु भी माना जाता है। गाय के दूध में जो पोषक तत्व हैं, वह अन्य दुधारू पशुओं के दूध में नहीं है। इस तरह गाय कई रूपों में मानवता का संरक्षण करती है।
शहरों में प्रारंभ होंगी बड़ी गौ-शालाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौपालन एवं गौ संरक्षण के कार्यों को दृष्टिगत रखते हुए इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर जैसे शहरों में जहाँ हजारों की संख्या में गौ-वंश है, बड़ी गौशालाएँ प्रारंभ की जायेगी। शहरों की गौशालाओं में 5 हजार से लेकर 10 हजार तक गौवंश को रखने की व्यवस्था होगी। राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 में पशुधन संरक्षण और पशुपालन गतिविधियों के लिए 590 करोड़ रूपए की राशि का प्रावधान किया है।
गाय धार्मिक और आर्थिक दोनों दृष्टिकोण से भारतीयों के लिये पूजनीय
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गाय धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि आर्थिक रूप से भी करोड़ों भारतीयों के लिये पूजनीय है। आज पंचगव्य सहित अनेक उत्पाद आमजन द्वारा उपयोग में लाए जा रहे हैं। कोविड के दौर में गौ-वंश के उत्पादों का उपयोग किया गया। आयुर्वेद में औषधि के रूप में पंचगव्य जिसमें दूध, दही, घी, गोबर और गौ-मूत्र शामिल हैं संक्रमण को रोकने में मददगार रहा।
संत समाज का विशेष सहयोग
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौ-वंश संरक्षण के क्षेत्र में संत समाज का विशेष आशीर्वाद और सहयोग प्राप्त हो रहा है। सहअस्तित्व हमारी संस्कृति की विशेषता है। गौमाता के जीवन से हमारा जीवन गौरवान्वित होता है। राज्य स्तरीय गोवर्धन पूजा समारोह में स्वामी अच्युतानंद जी और गौ-संरक्षण के क्षेत्र में विशेष कार्य करने वाले स्वामी हरिओमानंद जी भी विशेष रूप से उपस्थित रहे हैं।
प्रदर्शनी का अवलोकन और गौ-पालकों का सम्मान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रवीन्द्र भवन परिसर में विभिन्न गौशालाओं की गायों के साथ ही गोवर्धन पूजन भी किया। इस अवसर पर गौ-उत्पादों की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदर्शनी में प्रदर्शित अनेक गौ-उत्पाद देखे, इनमें गौ-घृत, अन्य उत्पाद और गोबर से निर्मित कलाकृतियां भी शामिल थी। प्रदर्शनी के एक हिस्से में श्रीकृष्ण गौ-शाला केंद्रीय जेल और नगर निगम द्वारा संचालित अरवलिया गौ-शाला सहित अन्य गौ-शालाओं की गाये लाई गईं। गायों को गोवर्धन पूजा के दिन नहला-धुलाकर नए वस्त्रों और मयूर पंख आदि से सज्जित किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभिन्न गौ-शालाओं के संचालकों का श्रेष्ठ सेवाओं के लिए सम्मान भी किया। इसमें इंदौर की गौशाला के संचालक श्री हरिओम आनंद, गायत्री परिवार से जुड़े श्री सूरज सिंह परमार, श्री सोनू जैन, श्री प्रदीप कुमार जैन एवं उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर आदि नगरों के अन्य गौशाला संचालक शामिल रहें।
गौ-शालाओं में सौर ऊर्जा का उपयोग कर बिजली खर्च कम करेंगे – राज्य मंत्री श्री पटेल
पशुपालन एवं डेयरी (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री श्री लखन पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गौ-वन्य विहार की महत्वपूर्ण घोषणा की है। हमारे गौ-वंश सड़कों पर न रहें और उनकी बेहतर देखभाल हो, इसके लिए प्रदेश सरकार में महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। गौ-शालाओं को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। प्रदेश की गौ-शालाओं में गाय के आहार के लिए निर्धारित अनुदान दोगुना किया गया है। गौ-वंश की नस्ल में सुधार का कार्यक्रम भी तेज किया जा रहा है। प्रदेश में गौ-संवर्धन वर्ष में अनेक कार्यक्रम हो रहे हैं। यह पर्यावरण संरक्षण से भी जुड़ा कार्य है। गौशालाओं में सौर ऊर्जा संयंत्रों के उपयोग से बिजली का खर्च कम करने की पहल की जा रही है।
सभी समुदाय कर रहे है गायों का पालन और पूजन – सांसद श्री शर्मा
खजुराहो सांसद श्री वी.डी. शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने गोवर्धन पूजा के साथ ही इस वर्ष अनेक पर्वों, त्यौहारों को महत्वपूर्ण स्थान दिया है। गाय के पालन और गौ-शाला के संचालन में वैज्ञानिक प्रयोग भी हो रहे हैं। आज मुस्लिम एवं अन्य समुदाय भी गौ-पालन और गौ-पूजन के कार्य से जुड़े हैं और इस कार्यक्रम में भी उपस्थित हैं। निश्चित ही समाजों को जोड़ने का यह महत्वपूर्ण प्रयास है।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री विश्वास सारंग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर, भोपाल सांसद श्री आलोक शर्मा, विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, विधायक श्री भगवान दास सबनानी, भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय सहित श्री राहुल कोठारी, श्री सुमित पचौरी, संत-महंत, जन-प्रतिनिधि अधिकारी एवं नागरिक उपस्थित थे। प्रमुख सचिव संस्कृति श्री शिव शेखर शुक्ला ने कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शित किया।