बिस्किट के लिए 5 रुपये नहीं मिले, 11 वर्षीय बच्ची ने फांसी लगाकर दी जान
गरीबी और मानसिक तनाव की दर्दनाक कहानी
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नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम इमलिया नोरगपुर में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। महज 5 रुपये के लिए नाराज होकर एक 11 वर्षीय मासूम बच्ची ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है और समाज के सामने एक कड़वा सवाल खड़ा कर दिया है – क्या गरीबी और मानसिक तनाव बच्चों की मासूम जिंदगियां लील रहे हैं?
घटना का पूरा विवरण
मिली जानकारी के अनुसार, मृतक बच्ची एक मजदूर परिवार से थी। रोज की तरह उसके माता-पिता काम पर गए हुए थे, और वह घर में अकेली थी।
बच्ची ने अपनी मां से बिस्किट खरीदने के लिए 5 रुपये मांगे, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण मां ने पैसे देने से इनकार कर दिया। शायद मां को अंदाजा भी नहीं था कि उसकी मासूम बेटी इस छोटी-सी बात को दिल से लगा लेगी और इतना बड़ा कदम उठा लेगी।
जब माता-पिता मजदूरी करके घर लौटे, तो उन्होंने अपनी बेटी को फांसी के फंदे पर लटका पाया। यह दृश्य देखकर माता-पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने तुरंत ग्रामीणों को बुलाया और पुलिस को सूचना दी।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही तेंदूखेड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया गया।
तेंदूखेड़ा थाना प्रभारी ने बताया कि प्राथमिक जांच में आत्महत्या का कारण बिस्किट के लिए 5 रुपये न मिलना बताया जा रहा है। हालांकि, पुलिस सभी संभावित पहलुओं पर जांच कर रही है।
क्या कहती है बच्ची की मां?
बच्ची की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। वह बार-बार यही कह रही है—
“अगर मुझे पता होता कि मेरी बच्ची ऐसा कदम उठा लेगी, तो मैं किसी से उधार लेकर भी उसे पैसे दे देती।”
इस घटना ने परिवार के साथ-साथ पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है। किसी को विश्वास नहीं हो रहा कि इतनी छोटी-सी बात पर एक मासूम अपनी जान दे देगी।
निष्कर्ष
इस हृदयविदारक घटना ने एक बार फिर हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव कैसे मासूम जिंदगियों पर असर डाल रहे हैं। यह सिर्फ एक बच्ची की आत्महत्या नहीं, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी है कि हमें अपने बच्चों की भावनाओं को समझने और उन्हें सही मार्गदर्शन देने की जरूरत है।