बिजली चोरी की सूचना पर मिलेगा ₹50,000 तक इनाम, ‘विद्युत मित्र’ एप जल्द होगा लॉन्च

भोपाल। मध्य प्रदेश में बिजली चोरी रोकने के लिए मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने एक बड़ी और तकनीकी पहल की घोषणा की है। कंपनी अब आम जनता की भागीदारी से बिजली चोरी पर लगाम कसने के लिए ‘विद्युत मित्र’ नामक एक मोबाइल एप लॉन्च करने जा रही है। इस एप के जरिए कोई भी नागरिक अपने मोबाइल से बिजली चोरी की शिकायत दर्ज कर सकेगा, और सही शिकायत पर ₹50,000 तक का इनाम भी पा सकेगा।
🔍 क्या है ‘विद्युत मित्र’ योजना?
यह योजना आम लोगों को बिजली वितरण व्यवस्था की निगरानी में सहभागी बनाने का प्रयास है। एप के जरिए नागरिक सीधे कंपनी को बिजली चोरी की सूचना दे सकेंगे। इससे न सिर्फ बिजली हानि में कमी आएगी, बल्कि ईमानदार उपभोक्ताओं पर बढ़ रहे आर्थिक बोझ को भी कम किया जा सकेगा।
🎁 इनाम और गोपनीयता की गारंटी
- इनाम राशि: यदि शिकायत सही पाई जाती है और उसके आधार पर कार्रवाई होती है, तो शिकायतकर्ता को ₹50,000 तक की इनाम राशि प्रदान की जाएगी।
- गोपनीयता: शिकायतकर्ता की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।
- भुगतान प्रक्रिया: इनाम की राशि सीधे शिकायतकर्ता के बैंक खाते में भेजी जाएगी।
❌ झूठी शिकायत पर होगी सख्ती
अगर किसी शिकायत की जांच के बाद वह झूठी या भ्रामक पाई जाती है, तो उस शिकायतकर्ता का मोबाइल नंबर एप से ब्लॉक कर दिया जाएगा। इससे एप के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा।
📱 एप की उपलब्धता और कार्यक्षेत्र
- यह सेवा फिलहाल मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 22 जिलों में लागू की जाएगी।
- एप के जरिए शिकायत दर्ज करने की सुविधा जून 2025 से उपलब्ध होगी।
- पहले जहां उपभोक्ताओं को शिकायत दर्ज कराने के लिए बिजली विभाग के दफ्तरों में जाना पड़ता था, वहीं अब यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और सरल हो जाएगी।
⚡ बिजली चोरी की गंभीरता और असर
कंपनी के अनुसार, 30% तक लाइन लॉस का मुख्य कारण बिजली चोरी है। यह केवल राजस्व हानि नहीं बल्कि ईमानदार उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बिजली बिल का भार भी बढ़ा देता है।
🙌 जागरूकता और सहभागिता
इस एप के जरिए सरकार का उद्देश्य नागरिकों में बिजली संरक्षण और ईमानदारी के प्रति जागरूकता लाना भी है। इससे आम लोग सुधार की प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे, जिससे व्यवस्था अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी होगी।
📌 निष्कर्ष:
‘विद्युत मित्र’ एप न केवल तकनीक के बेहतर उपयोग का उदाहरण है, बल्कि यह जनभागीदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा देने वाली एक सशक्त पहल भी है। इससे बिजली चोरी पर अंकुश लगेगा, कंपनी के नुकसान में कमी आएगी और आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। आने वाले समय में यह एप राज्य में ऊर्जा क्षेत्र की एक बड़ी क्रांति साबित हो सकता है।