सोहागपुर ब्लॉक के किसान सुभाष चंद्र पटेल ने प्राकृतिक खेती को अपनाकर कृषि को बनाया लाभ का व्यवसाय
कम लागत तथा अधिक मुनाफे से अब कर रहे 4 लाख से अधिक की शुद्ध आय अर्जित

संवाददाता राकेश पटेल इक्का
सफलता की कहानी
सोहागपुर ब्लॉक के ग्राम हीरापुर निवासी किसान श्री सुभाष चंद्र पटेल ने रासायनिक खेती को छोड़कर प्राकृतिक खेती अपनाकर कृषि क्षेत्र में सफलता की एक नई मिसाल पेश की है। आत्मा योजना के तहत प्राप्त मार्गदर्शन एवं सहायता से श्री पटेल ने कम लागत में अधिक उत्पादन और मुनाफा अर्जित कर यह सिद्ध किया है कि यदि सही तकनीक और समर्पण हो तो खेती लाभकारी व्यवसाय बन सकती है।
श्री पटेल पिछले छह वर्षों से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। वे बताते हैं कि इस विधि से कीटनाशकों के उपयोग पर निर्भरता कम हुई, जिससे न केवल भूमि की गुणवत्ता बनी रहती है, बल्कि उपज भी स्वास्थ्यवर्धक होती है। जैविक खाद जैसे जीवामृत के प्रयोग से खाद की लागत घटती है और मिट्टी की उर्वरता में सुधार होता है।
श्री पटेल ने प्राकृतिक खेती पद्धति से 2 एकड़ भूमि में पीबी–1637 किस्म के सुगंधित धान की खेती की, जिसकी प्रति हेक्टेयर लागत मात्र 28 हजार रुपये रही। इस फसल से 37 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उत्पादकता प्राप्त हुई, जिसे बाजार में कुल 1.26 लाख रुपये प्रति क्विंटल के दर से बेचा गया। इससे उन्हें कुल 98 हजार रुपये का शुद्ध लाभ हुआ।
इसी प्रकार रबी सीजन में श्री पटेल ने 2 एकड़ में लोकवन किस्म के गेहूं की प्राकृतिक खेती की, जिसकी लागत 20 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर थी। इस फसल से 23 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उत्पादकता मिली और कुल बाजार मूल्य 72 हजार रुपये रहा। इसमें से 52 हजार रुपये तक का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ।
इसके अतिरिक्त, श्री पटेल ने 2 एकड़ भूमि में 6 वर्ष पुराने आम के 300 पौधों का हाई डेंसिटी फलोद्यान तैयार किया है, जिसमें आम्रपाली, तोतापरी, मल्लिका एवं दशहरी किस्मों के पौधे शामिल हैं। इन पौधों के बीच उन्होंने हल्दी, मैथी, पालक, टमाटर और कस्तूरी मैथी जैसी सब्जियों की इंटरक्रॉपिंग की। इस मिश्रित खेती पर 70 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की लागत आई, लेकिन 75 क्विंटल आम और 175 क्विंटल सब्जियों से कुल 3.35 लाख रुपये का बाजार मूल्य मिला, जिससे लगभग 2.65 लाख रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित हुआ।
ग्रीष्मकालीन मूंग उत्पादन में भी श्री पटेल ने सफलता हासिल की है। उन्होंने 2 एकड़ में पीडीएम-139 किस्म की मूंग की खेती की, जिसकी लागत 16 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर रही। इससे उन्हें 7.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उत्पादकता मिली और कुल 72 हजार रुपये का बाजार मूल्य प्राप्त हुआ। इसमें से लगभग 56 हजार रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ।
कुल मिलाकर श्री सुभाष चंद्र पटेल ने प्राकृतिक खेती के माध्यम से 4 लाख रुपये से अधिक की वार्षिक शुद्ध आय अर्जित कर यह दिखाया है कि आधुनिकता के साथ पारंपरिक पद्धति को अपनाकर खेती को लाभकारी बनाया जा सकता है। श्री पटेल कहते हैं कि प्राकृतिक खेती से भूमि, जल और पर्यावरण की रक्षा होती है और किसानों की आय में भी वृद्धि संभव है। वे क्षेत्र के अन्य किसानों को भी इस पद्धति को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।