इश्क की आखिरी इंतिहा! 72 घंटे से प्रेमी के घर के बाहर दरवाजे पर पड़ा प्रेमिका का शव, कोई नहीं कर रहा अंतिम संस्कार

समस्तीपुर (बिहार)। बिहार के समस्तीपुर जिले में एक युवती के शव का अंतिम संस्कार 72 घंटे से अटका हुआ है। गांववाले शव का दाह संस्कार करने से इनकार कर रहे हैं और प्रेमी बाबूल को अंतिम संस्कार के लिए बुलाने की मांग पर अड़े हैं। इस विवाद के चलते इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, लेकिन गांववालों को समझाने की तमाम कोशिशें अब तक नाकाम रही हैं।
क्या है पूरा मामला?
मृतका मनीषा कुमारी (26 वर्ष) मुजफ्फरपुर जिले के हत्था मल्लाह टोली की रहने वाली थी। उसका समस्तीपुर जिले के गंगौरा निवासी बाबूल से प्रेम संबंध था। 9 मार्च को मनीषा का शव उसके घर में फंदे से लटका मिला। उसकी बेटी ने गांववालों को घटना की सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और फिर परिजनों को सौंप दिया।
पोस्टमार्टम के बाद मनीषा के परिजन शव को लेकर समस्तीपुर के गंगौरा पहुंचे और बाबूल के घर के बाहर रख दिया। वे आरोप लगा रहे हैं कि बाबूल की वजह से ही मनीषा की जान गई, इसलिए वही अंतिम संस्कार करेगा।
प्रेमी और उसके परिवार के फरार होने से बढ़ा विवाद
जब से मनीषा के परिजन शव को लेकर समस्तीपुर पहुंचे हैं, बाबूल और उसका परिवार घर छोड़कर फरार हो गया है। गांववाले लगातार अंतिम संस्कार के लिए बाबूल को बुलाने की मांग कर रहे हैं।
गांववालों का कहना है कि मनीषा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है, यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या हो सकती है। वे इस मामले में गहन जांच और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
गांव में भारी पुलिस बल तैनात, समझाइश जारी
स्थिति को देखते हुए बाबूल के घर के बाहर पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शव को इतने लंबे समय तक रखना उचित नहीं है, जल्द ही गांववालों को समझाकर अंतिम संस्कार कराया जाएगा।
हालांकि, गांववालों का आक्रोश अभी भी कायम है। स्थानीय मुखिया सहित कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हस्तक्षेप किया है, लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया है।
क्या बोले पुलिस अधिकारी?
एक पुलिस अधिकारी ने बताया,
“हमने बाबूल और उसके परिवार की तलाश शुरू कर दी है। ग्रामीणों को लगातार समझाने का प्रयास किया जा रहा है। शव का जल्द से जल्द अंतिम संस्कार कराना जरूरी है, ताकि माहौल खराब न हो।”
फिलहाल, यह मामला प्रेम-प्रसंग, आत्महत्या और हत्या की आशंका के बीच उलझा हुआ है। प्रशासन स्थिति को संभालने में जुटा है, लेकिन गांववालों की जिद के कारण यह मामला और जटिल होता जा रहा है।