सांसद प्रतिनिधि कपिल जैन के पिताजी ने संथारा के माध्यम से शरीर का त्याग किया

इंदौर। सांसद प्रतिनिधि कपिल जैन के पिताजी वरिष्ठ समाजसेवी उत्तमचंद जी बरड़िया ने संथारा के माध्यम से अपने देह को छोड़ा। उनके निधन से जैन समाज समेत कई अन्य समाजों में शोक की लहर दौड़ गई। स्वर्गीय उत्तमचंद जी बरड़िया ने अपने संपूर्ण जीवन में समाज सेवा और धार्मिक मूल्यों को प्राथमिकता दी। उनका जीवन प्रेरणादायी रहा और उन्होंने संथारे के माध्यम से आत्मा की मुक्ति प्राप्त की।
क्या है संथारा?
संथारा जैन धर्म की एक अत्यंत पवित्र और धार्मिक प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति पूर्ण जागरूकता और स्वेच्छा से भोजन और जल का त्याग कर समाधि अवस्था में जाता है। यह आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का एक मार्ग माना जाता है, जिसमें व्यक्ति शांतिपूर्वक संसार का त्याग करता है। जैन धर्म में इसे उच्च आध्यात्मिक साधना का रूप माना गया है, जो आत्मा की शुद्धि और परलोक गमन की तैयारी के लिए की जाती है।
श्रद्धांजलि सभा में जैन संत राजेश मुनिजी महाराज साहेब ने स्व. उत्तमचंद जी के जीवन की सराहना करते हुए कहा कि संथारे से आत्मा को मुक्त करना एक पुण्य कार्य है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को ऐसा जीवन नहीं मिलता, और उत्तमचंद जी ने अपने जीवन को मानव सेवा और समाज कल्याण को समर्पित किया।
श्रद्धांजलि सभा में सैकड़ों समाजजन, राजनेता, पत्रकार और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। सांसद शंकर लालवानी के प्रतिनिधि कपिल जैन ने सभी समाजजनों का आभार व्यक्त किया और कहा कि दुख की इस घड़ी में उनके परिवार को समाज का जो साथ मिला है, वह अति मूल्यवान है।