समाजसेवी बसेड़िया ने नर्मदा जयंती पर प्रस्तुत किया सेवा का अनुपम उदाहरण, बेटियां माँ रेवा का जीवंत स्वरूप
समाजसेवी बसेड़िया ने नर्मदा जयंती पर प्रस्तुत किया सेवा का अनुपम उदाहरण, बेटियां माँ रेवा का जीवंत स्वरूप

रिपोर्टर अवधेश चौकसे
गाडरवारा। गत दिवस माँ नर्मदा जयंती के अवसर पर समाजसेवी मुकेश बसेड़िया ने झिकोली घाट पर बेटियों का सम्मान एवं वृद्ध जनो की सेवा कर समाजसेवा का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। श्री बसेडिया ने सुबह से ही झिकोली घाट में नर्मदा किनारे पंडाल लगाकर बेटियों को वस्त्र, पठन लेखन एवं शिक्षण सामग्री , स्कूल बैग, श्रृंगार आदि प्रदान कर शिक्षा का संदेश दिया। उन्होंने वृद्धजनो व ब्राह्मणों को भी वस्त्र, कंबल, धार्मिक पुस्तके प्रदान कर सम्मानित किया। श्री बसेडिया ने अपने साथियों व स्वजनों के साथ नर्मदा भक्तो को प्रातः से संध्या तक तीनो काल की आरती के साथ ही खीर एवं खिचड़ी प्रसादी का वितरण किया , इस अवसर पर श्री बसेडिया ने बताया कि सतत 12 वर्ष से पूज्य गुरुदेव भगवत प्रसाद जी शास्त्री के सानिध्य में प्रतिवर्ष नर्मदा जयंती पर हमारा उदेश्य समाजसेवा के माध्यम से पीड़ित मानवता की सेवा के साथ माँ रेवा के जीवंत स्वरूप बेटियों को शिक्षा से जोड़ना है
पंडाल में जगह जगह बेटी शिक्षा व बेटी पढ़ाओ के फ्लेक्स लगाकर सन्देश दिया, उपरोक्त सेवा कार्य मे सुरेश बसेड़िया, प्रिंन्स बसेड़िया, मनोज शर्मा, चंदन कुशवाहा,प्रशांत राजपूत, कृष्णपाल राजपूत, आरती कहार, कीर्ति विश्वकर्मा, ज्योति कहार, मोना कहार ,आरती ठाकुर आदि ने सराहनीय सेवाएं प्रदान की