सुर्खियों में झौंतेश्वर पंचायत के भ्रष्टाचार का मामला- एक और नया खुलासा
योगेश दुबे क्यों है पंचायत का खास चहेता, आखिर क्या है रिश्ता? विधायक सांसद निधि में जमकर लगाये नियम विरूद्ध फर्जी GST बिल, सचिव दीपचंद के कार्यकाल में जमकर भ्रष्टाचार?

नरसिंहपुर- जनपद गोटेगांव अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत झौंत में लाखों के भ्रष्टाचार की चर्चा इस समय सुर्खियों में बनी हुई है।
जहाँ समाजसेवी वरिष्ठ पत्रकार अभय बानगात्री द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को लिखित शिकायत दी है जिसमें उन्होंने बताया कि झौंत पंचायत में व्यापक पैमाने पर नियमों को ताक पर रखकर भ्रष्टाचार किया गया है
खुलासा- योगेश दुबे के सबसे ज्यादा फर्जी GST बिल लगाये गये आखिर योगेश दुबे का पंचायत से क्या खास रिश्ता है?
एक बिल ऐसा चर्चा आया जिसमें बिल किसी और का लगा है और भुगतान योगेश दुबे को किया गया
वित्तीय अनियमितता के एक नहीं कई प्रमाण हैं झौतेश्वर पंचायत के
5 वें, 15 वें वित्त की राशि, पंचपरमेश्वर योजना में जमकर भ्रष्टाचार किया गया फर्जी बिलों द्वारा राशि निकाली गई, जिसके बिल दस्तावेज पत्रकार द्वारा पंचायत दर्पण पोर्टल से निकालकर जिला पंचायत CEO के समक्ष प्रस्तुत किये।
उक्त मामले में सचिव का एक बयान चर्चा में आया जिसमें वो स्वयं GST के फर्जी बिल को स्वीकार कर रहे हैं और पंचायत में भ्रष्टाचार की बात भी कह रहे हैं जिस पर बडे़ सवाल खड़े हो रहे हैं कि सचिव स्वयं वित्तीय अधिकार रखते हुए पंचायत में भ्रष्टाचार की बात स्वीकार कर रहा है।
शिकायत कर्ता पत्रकार अभय बानगात्री ने बताया कि झौंत पंचायत में विगत 5 वर्षों में बहुत भारी भ्रष्टाचार हुआ है जिसमें 5 वें, 15 वें वित्त की राशी में, पंचपरमेश्वर योजना में नियम विरूद्ध भ्रष्टाचार किया गया जिसकी उच्च अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी।
पत्रकार की शिकायत पर जिला पंचायत सीईओ द्वारा जांच के आदेश जारी कर दिये हैं लेकिन अब देखना होगा कि शिकायत पर कितनी निष्पक्ष जाँच होती है क्योंकि गोटेगांव की धार्मिक नगरी झौतेश्वर जहाँ बडे़ बडे़ नेताओं का जमावड़ा लगता है उक्त मामले में राजनीति का अखाड़ा बनकर ना रह जाये क्योंकि नेताओं के हस्तक्षेप पर निष्पक्ष जाँच ना होने का अंदेशा है
ताजा जानकारी अनुसार सरपंच सचिव को बचाने एक लंबी टीम तैयार हो गई जो इन्हें बचाने राजनीतिक पहुँच का भरसक प्रयास कर रहे हैं?
अभय बानगात्री ने बताया कि निष्पक्ष जाँच ना होने पर, बडे़ भ्रष्टाचार के इस मामले को हम हाईकोर्ट माननीय न्यायालय की शरण में ले जायेंगे जिसमें जनपद और जिला पंचायत के अधिकारियों को भी जाँच के घेरे में लिया जायेगा