शिक्षिका पर गंभीर आरोप: नन्ही छात्राओं से पैर दबवाने और गंदगी साफ करवाने का मामला आया सामने
शिक्षिका पर गंभीर आरोप: नन्ही छात्राओं से पैर दबवाने और गंदगी साफ करवाने का मामला आया सामने
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सिवनी। शहर के शासकीय अनुसूचित जनजाति कन्या इंग्लिश मीडियम विद्यालय में एक शिक्षिका द्वारा छात्राओं से अनुचित कार्य करवाने का मामला प्रकाश में आया है। शिक्षिका सुजाता मडके पर आरोप है कि वे नन्ही छात्राओं से अपने पैर दबवाने के साथ-साथ अपने बच्चे की गंदगी साफ करवाती थीं। यह पूरा घटनाक्रम विद्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गया।
प्राचार्य ने लिया आरोपी शिक्षिका का पक्ष?
जब अभिभावकों को इस घटना की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत विद्यालय के प्राचार्य राजकुमार शर्मा से शिकायत की। लेकिन, प्राचार्य ने न केवल शिक्षिका का पक्ष लिया, बल्कि बच्चों को डांटकर चुप करा दिया। प्राचार्य का रवैया बेहद असहयोगात्मक रहा और उन्होंने अभिभावकों को यहां तक कह दिया कि “आप जो कर सकते हैं कर लो, मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते।”
अभिभावकों ने की सख्त कार्रवाई की मांग
इस मामले से नाराज अभिभावकों ने प्रशासन से दोषी शिक्षिका और प्राचार्य के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि बच्चों के साथ किसी भी प्रकार की अनहोनी होती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
महिला सशक्तिकरण की पहल को लगा झटका
सरकार जहां बालिकाओं के कल्याण और महिला सशक्तिकरण के लिए तमाम योजनाएं चला रही है, वहीं एक महिला शिक्षिका द्वारा छात्राओं का शोषण करना बेहद शर्मनाक है।
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
यह कोई पहली घटना नहीं है। पिछले वर्ष भी कन्या छात्रावास बोरदई में छात्राओं ने अधीक्षिका के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए हड़ताल की थी। लेकिन उस मामले को या तो दबा दिया गया या फिर जांच अधूरी रह गई।
अब प्रशासन पर टिकी निगाहें
इस मामले के बाद प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन सीसीटीवी फुटेज और अभिभावकों की शिकायतों के आधार पर क्या कार्रवाई करता है।