सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करना पड़ा भारी! नगर परिषद ने काटा नल कनेक्शन, घर के सामने खोदा गड्ढा

छपारा: छपारा जनपद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति द्वारा सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने के बाद उसे परेशान किए जाने का आरोप लगा है। पीड़ित संतराम अहिरवार का कहना है कि उसके घर का नल कनेक्शन काट दिया गया और घर के सामने जेसीबी से गड्ढा खोद दिया गया।
क्या है पूरा मामला?
वार्ड क्रमांक 01 रानी दुर्गावती वार्ड के निवासी संतराम अहिरवार ने बताया कि उन्होंने नगर परिषद से जुड़ी समस्याओं को लेकर सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करवाई थी। लेकिन इसके बाद नगर परिषद द्वारा उन पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया गया। जब उन्होंने ऐसा करने से इनकार किया तो उनके घर का नल कनेक्शन काट दिया गया और घर के सामने जेसीबी से खुदाई कर दी गई।
संतराम अहिरवार का यह भी कहना है कि वह पहले नगरपालिका में आठ हजार रुपये महीने की नौकरी करते थे, लेकिन जब श्याम भारती गोस्वामी सीएमओ बने, तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया।
नगर परिषद का क्या कहना है?
इस मामले को लेकर जब सीएमओ श्याम भारती गोस्वामी से बात की गई तो उन्होंने सभी आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि नगर परिषद द्वारा संतराम अहिरवार को नौकरी से निकालने का कोई मामला नहीं है।
सीएमओ गोस्वामी के अनुसार:
- संतराम अहिरवार के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं थे, जिससे उन्हें नगर परिषद में काम पर नहीं रखा जा सका।
- नगर परिषद ने हाल ही में 300 से अधिक लोगों के नल कनेक्शन काटे थे, जिनमें से 6 लोगों ने टैक्स जमा कर दिया और उनका कनेक्शन फिर से जोड़ दिया गया।
- संतराम अहिरवार पर करीब 6000 रुपये का नल टैक्स बकाया था, जिसे बार-बार कहने के बावजूद उन्होंने जमा नहीं किया। इसलिए उनका नल कनेक्शन काट दिया गया।
- जेसीबी से खुदाई के दौरान पाइपलाइन खिंच जाने की वजह से उनके घर के सामने गड्ढा हो गया होगा।
संतराम अहिरवार का आरोप और नगर परिषद की सफाई
- संतराम अहिरवार: “सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने के बाद मुझ पर दबाव बनाया गया। जब मैंने शिकायत वापस नहीं ली, तो बदले की भावना से मेरा नल कनेक्शन काटा गया और घर के सामने खुदाई कर दी गई।”
- सीएमओ श्याम भारती गोस्वामी: “यह गलत आरोप है। नल टैक्स बाकी होने की वजह से कनेक्शन काटा गया था। नौकरी से निकालने का कोई मामला ही नहीं है, क्योंकि मैंने तो उनका चेहरा तक नहीं देखा।”
अब आगे क्या?
इस पूरे मामले में नगर परिषद और संतराम अहिरवार के बीच तनातनी बनी हुई है। हालांकि, संतराम अहिरवार अब इस मामले को लेकर प्रशासन से न्याय की मांग कर रहे हैं। वहीं, नगर परिषद का कहना है कि उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई व्यक्तिगत द्वेष से नहीं की गई, बल्कि नियमों के तहत हुई है।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस विवाद को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाता है।