सारे आलम के लिए रहमत बनकर आए हजरत मोहम्मद,, मुफ्ती फैय्याज
मंडीदीप। जब महिलाओं के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार होता था लड़की पैदा होने पर जिंदा दफन कर दिया जाता था उस दौर में हजरत मोहम्मद साहब कि विलादत हुई। उन्होंने अपने व्यवहार और आचरण से उन लोगो को भी अपना हिमायती बना लिया जो उनकी राह में कांटे बिछाते थे। नबी -ए- अकरम सल्ल, अलय ही वसल्लम सारी दुनिया मे बसने वाले इंसानों के लिए रहमत बन कर आए, यह बात मंडीदीप स्थित ईदगाह में सीरते पाक के जलसे में उपस्थित लोगों को खिताब करते हुए उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से पधारे मुफ्ती फैय्याज कासमी ने व्यक्त करते हुए कहा की दुनिया की तारीख में इतना बड़ा इंकलाब लाने वाले मोहम्मद साहब सीरत का अध्यायन करे तो पता चलेगा की वह अपने और गेरो के प्रति कितने प्रेम करने वाले थे।
हमने उनकी तालीम को अन्य मजहब और समाज के लोगो को बताया ही नही। मौलाना ने अपने बयान में उपस्थित लोगों को यह भी बताया की खूब पढो इल्म हासिल करो उससे सभी को लाभ पहुंचाओ यही इस्लाम का हुक्म है। इससे पूर्व मुफ्ती अरबाज कासमी ने भी मोहम्मद साहब कि विलादत से लेकर वफात तक 63 साला जिंदगी के बारे में कुरआन और हदीसें मुबारका की रोशनी से विस्तृत प्रकाश डाला। जलसे मै भोपाल मध्य विधायक आरिफ मसूद ने सम्बोधित करते हुए मुल्क में पैदा हालातो और कोम की पस्ती पर रोशनी डालते हुए कहा की इतिहास बताता है खलीफा दोयम हजरत उमर फारुख ने बाइस लाख मरब्बा मील पर हुकूमत मस्जिदे नबवी से की है इस बात पर उलेमाओं को आगे आकर कोम और मिल्लत को बताना चाहिए की सियासी मरकज मस्जिदे नबवी थी पूरा सच मिल्लत को नही बताया जाता।
इससे पूर्व कार्यक्रम के मुस्लिम समाज के अध्यक्ष मो सोहेल खान आयोजक मुस्लिम त्यौहार कमेटी के सदर हाजी अल्ताफ खान संरक्षक असलम पठान समाजसेवी अतीक अहमद ने मेहमानो का स्वागत किया मंच का कुशल संचालन अब्दुल रहीम खान ने किया। इस अवसर पर मुस्लिम नेता बिट्टू पठान,एवं नोशाद पटैल नयापुरा अश्शु भाई ने शहर के गणमान्य नागरिकों एवं पत्रकारों का सम्मान किया।