रेंजर बना नन्ही जान का मसीहा: जंगल के किनारे मासूम की जान बचाई, ममता हुई शर्मसार

तारा देही, मध्य प्रदेश – एक मासूम बच्ची की जिंदगी खतरे में थी, लेकिन एक बहादुर वन रेंजर ने उसे बचा लिया। यह घटना तारा देही मार्ग के जंगल किनारे की है, जहां एक महिला अपनी तीन साल की बच्ची का गला दबाने की कोशिश कर रही थी। संयोग से वहां से गुजर रहे रेंजर देवेंद्र गुर्जर ने बच्ची को देखा और तुरंत गाड़ी रोककर जान की परवाह किए बिना उसे बचाने दौड़ पड़े।
मासूम पर हमला, बचाने वाले पर भी हमला
रेंजर ने जैसे ही महिला को रोका, वह गुस्से में उन पर ही टूट पड़ी। उसने रेंजर की वर्दी तक फाड़ डाली, लेकिन रेंजर ने हार नहीं मानी और बच्ची को बचाने में सफल रहे।
इसके बाद रेंजर ने तेंदूखेड़ा टीआई विजय अहिवाल को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर महिला को हिरासत में ले लिया।
महिला की पहचान और बच्ची का भविष्य
- महिला अपना नाम लक्ष्मी और पति का नाम अशोक बता रही है, लेकिन वह कहां की रहने वाली है, इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रही।
- इससे पहले बस स्टैंड पर कई दिनों से यह महिला अपनी बच्ची के साथ रह रही थी और मारपीट करती थी, जिसकी सूचना स्थानीय लोगों ने पुलिस को दी थी।
- पुलिस ने सुरक्षा के तहत बच्ची को अपने पास रखा था, लेकिन अगले दिन महिला उसे लेकर फरार हो गई थी।
अब, बच्ची को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे पूरी तरह स्वस्थ बताया। इस बीच, किरण अहिरवार नामक एक महिला ने बच्ची को गोद लेने की इच्छा जताई है।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
महिला बाल विकास विभाग की टीम अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर महिला ने अपनी ही बच्ची को मारने की कोशिश क्यों की? और वह इससे पहले कहां थी?
रेंजर की बहादुरी पर नगरवासियों का आभार
रेंजर देवेंद्र गुर्जर की साहसिक कार्रवाई के लिए नगरवासी उनकी जमकर सराहना कर रहे हैं। अगर वह सही समय पर न पहुंचते, तो शायद एक मासूम की जिंदगी खत्म हो जाती।
निष्कर्ष:
यह घटना मानवता को झकझोर देने वाली है। जहाँ एक माँ ने अपनी ही संतान के जीवन को संकट में डाल दिया, वहीं रेंजर देवेंद्र गुर्जर जैसे लोग इस समाज में देवदूत बनकर उभरते हैं। उम्मीद है कि प्रशासन इस मामले में सख्त कदम उठाएगा और बच्ची को एक सुरक्षित भविष्य मिलेगा।