पत्नी से दुष्कर्म और मारपीट का मामला: आरोपी की गिरफ्तारी न होने पर पीड़ित परिवार ने प्रशासन से लगाई गुहार

रिपोर्टर राकेश पटेल एक्का
नर्मदापुरम: जिले के माखन नगर थाना क्षेत्र में एक महिला के साथ दुष्कर्म और मारपीट का गंभीर मामला सामने आया है। पीड़िता और उसके पति मोनू यादव ने आरोपी जगदीश यादव के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। लेकिन शिकायत दर्ज होने के बावजूद आरोपी की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिससे पीड़ित परिवार भय और असुरक्षा में जीने को मजबूर है।
क्या है पूरा मामला?
शिकायतकर्ता मोनू यादव ने पुलिस अधिकारियों और मानव अधिकार आयोग को भेजे गए पत्र में बताया कि 09 फरवरी 2024 को उनकी पत्नी अपने घर के पीछे नहा रही थी, तभी जगदीश यादव ने उसका गुप्त रूप से वीडियो बना लिया और उसे ब्लैकमेल करने लगा। उसने धमकी दी कि अगर उसकी पत्नी ने शारीरिक संबंध बनाने से इनकार किया तो वह वीडियो वायरल कर देगा।
डर और शर्म के कारण महिला ने यह बात अपने पति को नहीं बताई, लेकिन जगदीश यादव ने इस मौके का फायदा उठाकर लगातार कई महीनों तक पीड़िता का शारीरिक शोषण किया। इस दौरान आरोपी उसे बार-बार वीडियो वायरल करने की धमकी देता रहा।
आरोपी ने किया जानलेवा हमला
शिकायत में आगे बताया गया है कि 1 फरवरी 2025 को जब मोनू यादव अपनी बहन को लेने ससुराल गए हुए थे, तभी जगदीश यादव घर में घुस आया और महिला के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। जब महिला ने इसका विरोध किया तो उसने पास में पड़ी लकड़ी से उसके चेहरे, हाथ और पैर पर वार कर दिया, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं।
इलाज के दौरान पुलिस ने दर्ज किया मामला
घटना के बाद मोनू यादव और उनके साले ने महिला को अशोका हॉस्पिटल, नर्मदापुरम में भर्ती कराया, जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान महिला के बयान दर्ज किए गए, जिसके आधार पर पुलिस ने धारा 64(2) और 115(2) बीएनएस के तहत केस दर्ज किया।
गिरफ्तारी नहीं, उल्टा समझौते का दबाव
मोनू यादव ने आरोप लगाया कि मामले की जांच कर रहे चौकी प्रभारी रामेश्वर गोस्वामी और पुलिस प्रशासन आरोपी को राजनीतिक संरक्षण देने की कोशिश कर रहे हैं। अब तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, उल्टा उन पर केस वापस लेने और समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा है।
पीड़ित परिवार को धमकी, पुलिस से कोई कार्रवाई नहीं
मोनू यादव ने बताया कि 14 फरवरी 2024 को उन्होंने पुलिस अधीक्षक और महिला आयोग को लिखित शिकायत दी थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उल्टा, उन्हें झूठे केस में फंसाने की धमकी दी जा रही है।
पीड़ित परिवार को जान का खतरा, प्रशासन से लगाई गुहार
मोनू यादव और उनकी पत्नी डर और भय के माहौल में जी रहे हैं। उन्होंने मानव अधिकार आयोग, राज्य महिला आयोग और पुलिस के उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है और मांग की है कि आरोपी जगदीश यादव को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाए।
क्या प्रशासन करेगा न्याय?
अब देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन पीड़ित परिवार की सुरक्षा और न्याय के लिए क्या कदम उठाते हैं। क्या आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा, या फिर पीड़ित परिवार इसी तरह इंसाफ के लिए भटकता रहेगा?