मध्य प्रदेशराज्य

पिपरिया: बिजली विभाग की लापरवाही से भैंस की मौत, मालिक ने जताया रोष

थाना निरीक्षक ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

रिपोर्टर शेख आरिफ कुरैशी नर्मदापुरम

पिपरिया: बिजली विभाग की लापरवाही से भैंस की मौत, मालिक ने जताया रोष

पिपरिया, 18 नवंबर: पिपरिया-पचमढ़ी मार्ग पर बिजली विभाग और ठेकेदार की लापरवाही के कारण एक भैंस की करंट लगने से मौत हो गई। यह हादसा टूटे हुए बिजली के तार में करंट फैलने के कारण हुआ। भैंस के मालिक बहादुर सिंह ने इस घटना के लिए बिजली विभाग को जिम्मेदार ठहराया है।

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घटना का विवरण

बहादुर सिंह की भैंस पास के ही इलाके में चर रही थी, जब वह टूटे हुए तार के संपर्क में आ गई। करंट लगने के कारण भैंस ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। बहादुर सिंह ने तुरंत घटना की सूचना स्टेशन रोड थाने को दी।

घटना की जानकारी मिलते ही थाना निरीक्षक विजय सनस अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और मामले को संज्ञान में लिया।

मालिक का आरोप: बिजली विभाग की लापरवाही जिम्मेदार
भैंस मालिक बहादुर सिंह का कहना है कि घटना स्थल पर बिजली के तार लंबे समय से टूटे हुए पड़े थे। उन्होंने आरोप लगाया कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद बिजली विभाग ने इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया।

उन्होंने कहा, “घटना स्थल के पास ही एक सब-स्टेशन है, लेकिन विभाग के कर्मचारियों ने न तो तारों की मरम्मत की और न ही इस क्षेत्र की बिजली लाइन को बंद करने की कोशिश की।”

बहादुर सिंह ने बताया कि जिस लाइन से यह हादसा हुआ, वह हाल ही में डाली गई थी, जिससे विभाग की लापरवाही और स्पष्ट हो जाती है।

थाना निरीक्षक ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

थाना निरीक्षक विजय सनस ने भैंस मालिक को आश्वासन दिया है कि यदि वह लिखित शिकायत देते हैं, तो मामले की जांच कर संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।

बिजली विभाग पर सवाल

इस घटना ने बिजली विभाग की कार्यप्रणाली और मेंटेनेंस पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों ने भी विभाग पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मेंटेनेंस के नाम पर घंटों बिजली सप्लाई बंद की जाती है, लेकिन आवश्यक मरम्मत कार्य समय पर नहीं किए जाते।

स्थानीय निवासियों में आक्रोश

इस हादसे के बाद स्थानीय निवासियों में बिजली विभाग और ठेकेदार की लापरवाही को लेकर आक्रोश है। वे मांग कर रहे हैं कि विभाग टूटे तारों की मरम्मत और रखरखाव को प्राथमिकता दे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।

निष्कर्ष

यह घटना बिजली विभाग की लापरवाही का एक और उदाहरण है, जो लोगों और उनके पशुधन के लिए खतरनाक साबित हो रही है। अब देखना यह है कि विभाग और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।

 

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