नवजात को सड़क किनारे छोड़ने वाली युवती को 10 साल का कठोर कारावास

तेंदूखेड़ा, गाडरवारा | 18 जुलाई 2025
तेंदूखेड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक बेहद हृदयविदारक प्रकरण में नवजात शिशु को सड़क किनारे लावारिस छोड़ने के मामले में न्यायालय ने आरोपी 20 वर्षीय युवती को भारतीय दंड संहिता की धारा 317 और 304(II) के तहत दोषी मानते हुए 10 वर्षों के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने उस पर आर्थिक दंड भी लगाया है। इस मामले में सह-आरोपी पिता को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया।
घटना का विवरण:
दिनांक 15 जून 2023 की रात लगभग 11 बजे पुलिस को सूचना मिली कि ग्राम क्षेत्र में सड़क किनारे एक लावारिस नवजात बच्ची पड़ी है, जिसकी सांसें चल रही थीं। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए डायल-100 और 108 एम्बुलेंस की सहायता से बच्ची को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
जांच में खुलासा:
पुलिस जांच और डीएनए परीक्षण में नवजात बच्ची की जैविक मां के रूप में 20 वर्षीय युवती की पुष्टि हुई। आरोपी युवती ने कथित रूप से सामाजिक भय अथवा पारिवारिक दबाव के चलते नवजात को त्याग दिया था।
न्यायिक निर्णय:
मामले में तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश, गाडरवारा की अदालत ने निर्णय सुनाते हुए कहा कि:
- धारा 317 (शिशु परित्याग) के तहत युवती को 3 वर्ष का कठोर कारावास और ₹1000 का अर्थदंड (जिसके भुगतान में चूक पर 1 माह का अतिरिक्त कारावास)।
- धारा 304 भाग 2 (गैर-इरादतन हत्या) के तहत 10 वर्ष का कठोर कारावास और ₹1000 का अर्थदंड (जिसके भुगतान में चूक पर 1 माह का अतिरिक्त कारावास)।
अदालत ने यह स्पष्ट किया कि दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
पिता को मिली राहत:
प्रकरण में आरोपी बनाए गए पिता को पर्याप्त साक्ष्य न होने पर दोषमुक्त कर दिया गया।