नर्मदापुरम में गधे को गुलाब जामुन खिलाकर अनोखा विरोध, श्री समर्पण श्री संस्था का प्रशासन पर व्यंग्यात्मक प्रहार

नर्मदापुरम: नर्मदापुरम में इन दिनों प्रशासनिक लापरवाहियों के खिलाफ एक संस्था ने विरोध का बेहद अनोखा तरीका अपनाया है। “श्री समर्पण श्री” संस्था ने शुक्रवार को मुख्य नगर पालिका अधिकारी के प्रतीक रूप में एक गधे को गुलाब जामुन खिलाकर विरोध जताया, जिससे शहर में हलचल मच गई है।
प्रदर्शन का तरीका अलग, संदेश तीखा
नगर के सतरस्ते पर इकट्ठा होकर संस्था के सदस्यों ने नारेबाज़ी की और फिर एक गधे को मंच पर लाकर उसके सामने गुलाब जामुन रख दिए। संस्था के प्रमुख स्वदेश सैनी ने स्पष्ट किया कि यह विरोध किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि प्रशासनिक निष्क्रियता के खिलाफ प्रतीकात्मक आंदोलन है।
उनका कहना था —
“गुलाब जामुन भोली जनता का प्रतीक है और गधा उन अधिकारियों का, जो जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। जनता हर बार उम्मीद लेकर जाती है, लेकिन उसे सिर्फ छलावा मिलता है।”
स्वच्छता को लेकर लगातार उपेक्षा का आरोप
संस्था ने आरोप लगाया कि बीते कई महीनों से शहर की गंदगी, टूटी सड़कें, और अव्यवस्थित जल निकासी व्यवस्था को लेकर बार-बार जिला प्रशासन और नगर पालिका को अवगत कराया गया।
- अधिकारियों को ज्ञापन दिए गए
- जनसुनवाई में भाग लिया
- 7 दिनों की चेतावनी भी दी गई
फिर भी कोई सुधार नहीं हुआ, और न ही अधिकारी बात सुनने को तैयार हुए।
गधे को क्यों बनाया प्रतीक?
प्रदर्शन में गधे को सामने रखकर गुलाब जामुन खिलाए गए। इस पर संस्था ने कहा —
“गधा एक प्रतीक है उन जिम्मेदार अफसरों का, जो पद तो संभाले हैं लेकिन कर्तव्य से मुंह मोड़े बैठे हैं।”
यह विरोध सिर्फ व्यंग्य नहीं, बल्कि नागरिक चेतना का स्वरूप है — जो लालफीताशाही, असंवेदनशीलता और वादा-खिलाफी पर करारा व्यंग्य करता है।
आंदोलन जारी रहेगा
श्री समर्पण श्री संस्था ने चेतावनी दी है कि यदि नगर को सुंदर और स्वच्छ नहीं बनाया गया तो आंदोलन को चरणबद्ध ढंग से तेज किया जाएगा।
निचोड़
जब सरकारी अफसर संवेदनहीन बन जाएं, तब जनता को भी अपने हक़ की आवाज़ बुलंद करनी पड़ती है – और नर्मदापुरम में यह आवाज़ अब सड़कों पर उतर चुकी है।