मनमाने ब्याज पर फलफूल रहा सूदखोरी का काला कारोबार, कर्ज में डूब रहे गरीब और किसान

गाडरवारा (नरसिंहपुर): जिले में सूदखोरी का अवैध कारोबार अपने चरम पर है। गरीब और जरूरतमंदों की मजबूरी का फायदा उठाकर सूदखोर मनमाने ब्याज दरों पर कर्ज दे रहे हैं, जिससे कर्जदारों की जिंदगी कर्ज के दलदल में फंसती जा रही है। ब्याज का जाल इतना गहरा है कि लोग अपनी जमीन, घर और यहां तक कि आत्मसम्मान भी गिरवी रखने को मजबूर हो रहे हैं।
60% तक ब्याज वसूल रहे सूदखोर
गाडरवारा में सूदखोर 1% से 40% और यहां तक कि 60% तक का ब्याज वसूल रहे हैं। कर्ज देते वक्त ये उधार लेने वालों से ब्लैंक चेक और प्रामेसरी नोट साइन करवा लेते हैं, जिससे कर्जदार को बंधक बना लिया जाता है। ब्याज न चुका पाने की स्थिति में ये सूदखोर कानूनी दांव-पेंच का सहारा लेकर पीड़ितों को मानसिक और आर्थिक रूप से तोड़ देते हैं।
गरीब, छोटे व्यापारी और किसान सबसे ज्यादा शिकार
शहर से लेकर गांव तक सूदखोरी का यह गोरखधंधा बड़े पैमाने पर फैला हुआ है। सबसे ज्यादा शिकार छोटे व्यापारी, किसान और मजदूर हो रहे हैं। किसान अपनी फसल बेचकर कर्ज चुकाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऊंचे ब्याज के कारण उनका कर्ज कभी खत्म ही नहीं हो पाता। कई मामलों में कर्ज से तंग आकर लोग आत्महत्या तक कर चुके हैं।
कैसे काम करता है सूदखोरी का नेटवर्क?
- सूदखोर जरूरतमंद लोगों की पहचान कर उन्हें कर्ज देने के लिए प्रेरित करते हैं।
- कर्ज लेने वाले से पहले ही कानूनी दस्तावेज, चेक और गारंटी ली जाती है।
- ब्याज की रकम रोजाना या साप्ताहिक किस्तों में वसूली जाती है।
- ब्याज बढ़ता रहता है, लेकिन मूलधन कभी खत्म नहीं होता।
- न चुकाने की स्थिति में मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना दी जाती है।
पुलिस करेगी कड़ी कार्रवाई
नरसिंहपुर के पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि अगर कोई सूदखोर से परेशान है, तो वह तुरंत नजदीकी थाने में शिकायत करे। पुलिस तुरंत कार्रवाई करेगी और इस अवैध धंधे पर सख्ती से नजर रखेगी।
जरूरतमंदों के लिए चेतावनी
अगर आप किसी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, तो सूदखोरों के जाल में फंसने से बचें। सरकारी योजनाओं और बैंकिंग सुविधाओं का उपयोग करें ताकि आप इस कर्ज के दलदल से बच सकें। प्रशासन को भी चाहिए कि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करे और सूदखोरों के खिलाफ सख्त कदम उठाए।