ममता कुलकर्णी से छीना महामंडलेश्वर का ताज, आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी अखाड़े से ले डूबी, किन्नर अखाड़े में मचा बवाल
ममता कुलकर्णी से छीना महामंडलेश्वर का ताज, आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी अखाड़े से ले डूबी, किन्नर अखाड़े में मचा बवाल
प्रयागराज। किन्नर अखाड़े में ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर की उपाधि देने के बाद विवाद गहरा गया है। किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजयदास ने ममता कुलकर्णी को इस पद से हटा दिया है। इसके साथ ही उन्हें यह पद देने वाली आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी अखाड़े से हटाकर पदमुक्त कर दिया गया है।
संस्थापक ने उठाए गंभीर सवाल
ऋषि अजयदास ने ममता कुलकर्णी को पद देने पर नाराजगी जताते हुए कहा, “लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बिना किसी धार्मिक प्रक्रिया का पालन किए ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बना दिया। यह सनातन धर्म और अखाड़े की परंपराओं के खिलाफ है। ममता कुलकर्णी जैसी विवादित व्यक्तित्व, जिन पर देशद्रोह के मामले रहे हैं, को इस पद पर बैठाना उचित नहीं है।”
लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर गिरी गाज
उन्होंने कहा, “लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने 2019 के कुंभ में मेरी बिना सहमति के जूना अखाड़े के साथ अनुबंध किया, जो अवैध और अनैतिक है। यह सनातन परंपराओं के साथ धोखा है। इसलिए उन्हें आचार्य महामंडलेश्वर के पद से हटाया जा रहा है।”
प्रतीक चिह्नों और परंपराओं का उल्लंघन
ऋषि अजयदास ने कहा कि किन्नर अखाड़े के प्रतीक चिह्नों और परंपराओं का भी उल्लंघन किया गया है। “किन्नर अखाड़े में वैजन्ती माला का प्रावधान है, लेकिन रुद्राक्ष की माला धारण करना संन्यास का प्रतीक है, जो बिना मुंडन संस्कार के मान्य नहीं होता,” उन्होंने कहा।
किन्नर अखाड़े में बगावत के संकेत
इस फैसले के बाद किन्नर अखाड़े में बगावत के संकेत मिल रहे हैं। ऋषि अजयदास ने स्पष्ट किया कि सनातन धर्म, समाज और परंपराओं के हित में यह कदम उठाना आवश्यक था।