मध्य प्रदेश: 10वीं की छात्रा से परीक्षा में कपड़े उतरवाने का आरोप, शिक्षिका पर कार्रवाई की मांग

उदयपुरा रायसेन, मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के उदयपुरा स्थित सीएम राइज स्कूल से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। 10 मार्च 2025 को 10वीं बोर्ड की परीक्षा के दौरान एक महिला शिक्षिका पर छात्रा को नकल के शक में प्रताड़ित करने और सार्वजनिक रूप से कपड़े उतरवाने का आरोप लगा है। इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग ने जांच शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित छात्रा ने बताया कि वह गणित का पेपर देने के लिए परीक्षा केंद्र पहुंची थी। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात शिक्षिका मनीषा रघुवंशी ने उसे नकल करने का आरोप लगाकर परेशान करना शुरू कर दिया।
छात्रा ने अपने बयान में कहा,
“पेपर के दौरान शिक्षिका ने मुझ पर नकल का झूठा आरोप लगाया। जब मैंने मना किया तो उन्होंने पूरी कक्षा के सामने मेरे कपड़े उतरवा दिए और सभी के सामने मेरी बेइज्जती की।”
छात्रा के अनुसार, इस घटना से वह बुरी तरह घबरा गई और परीक्षा हॉल से बाहर निकलते समय गिर गई, जिससे उसके हाथों में चोट भी आई। इसके बाद उसने अपने पिता और भाई को फोन कर बुलाया और पूरी घटना की जानकारी दी।
छात्रा का पेपर हुआ खराब
छात्रा ने बताया कि जब उसके पिता स्कूल पहुंचे और शिक्षकों से बात की, तब जाकर उसे दोबारा परीक्षा देने की अनुमति दी गई। लेकिन मानसिक तनाव और समय की कमी के कारण वह अपना गणित का पेपर सही से नहीं लिख पाई।
छात्रा का कहना है कि शिक्षिका ने उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की धमकी भी दी।
सीसीटीवी में कैद हुई घटना, जांच के आदेश
यह घटना क्लासरूम में लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई। छात्रा ने इस मामले की शिकायत स्थानीय थाने और जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) से की है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा,
“हम मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच करवा रहे हैं। अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो शिक्षिका के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
परिजनों में आक्रोश, कार्रवाई की मांग
छात्रा के परिवारवालों ने इस घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा कि किसी भी छात्रा के साथ इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है।
छात्रा के पिता ने कहा,
“मेरी बेटी को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। हम दोषी शिक्षिका के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं ताकि भविष्य में किसी और छात्रा को इस तरह की जिल्लत न सहनी पड़े।”
क्या कहते हैं कानून और शिक्षा विभाग के नियम?
शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार, परीक्षा के दौरान नकल की सख्त जांच होनी चाहिए, लेकिन छात्राओं की गरिमा और सम्मान बनाए रखना शिक्षकों की जिम्मेदारी है।
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मानवाधिकार अधिनियम के तहत, किसी भी व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से अपमानित करना या शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना दंडनीय अपराध है।
फिलहाल क्या हो रही कार्रवाई?
- जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
- पुलिस ने छात्रा की शिकायत दर्ज कर ली है और कानूनी पहलुओं की जांच कर रही है।
- सीसीटीवी फुटेज को सबूत के रूप में लिया गया है।
- दोषी शिक्षिका पर कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
निष्कर्ष
यह घटना शिक्षा व्यवस्था और स्कूलों में अनुशासन को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े करती है। परीक्षा में अनुशासन जरूरी है, लेकिन छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और गरिमा की रक्षा करना भी शिक्षकों की जिम्मेदारी है।
इस मामले में सख्त कार्रवाई जरूरी है ताकि आगे से किसी भी छात्रा के साथ इस तरह का व्यवहार न किया जाए।