लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई: ₹10,000 रिश्वत लेते लेखापाल रंगे हाथों गिरफ्तार
बुरहानपुर में सरकारी अस्पताल में रिश्वतखोरी का भंडाफोड़, लोकायुक्त ने आरोपी को किया गिरफ्तार

रिपोर्टर रवि शिमले
बुरहानपुर, 28 फरवरी 2025: भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए लोकायुक्त इंदौर ने सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय बुरहानपुर में पदस्थ लेखापाल राधेश्याम चौहान को ₹10,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई महानिदेशक लोकायुक्त जयदीप प्रसाद के निर्देश पर की गई, जो भ्रष्टाचार पर सख्त कदम उठाने की नीति अपना रहे हैं।
कैसे हुआ मामला उजागर?
पीड़ित अशोक पठारे (59 वर्ष), सहायक ग्रेड-3, जिला चिकित्सालय बुरहानपुर ने लोकायुक्त इंदौर पुलिस अधीक्षक राजेश सहाय को शिकायत दर्ज कराई थी कि लेखापाल राधेश्याम चौहान उनसे मेडिकल बिल की राशि आहरित करने के बदले ₹20,000 की रिश्वत मांग रहे हैं। शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त टीम ने इसकी जांच की, जिसमें आरोप सही पाए गए।
रंगे हाथों पकड़ा गया आरोपी
लोकायुक्त ने 28 फरवरी 2025 को एक ट्रैप दल का गठन किया और आवेदक अशोक पठारे को आरोपी के पास भेजा। जैसे ही राधेश्याम चौहान ने ₹10,000 रिश्वत की राशि ली, लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के दौरान आरोपी के हाथों में रिश्वत की रकम पाई गई, जिसका रिकॉर्ड तैयार किया गया।
आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज
गिरफ्तारी के बाद लेखापाल राधेश्याम चौहान के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर आरोपी को सख्त कानूनी सजा हो सकती है।
इस ट्रैप ऑपरेशन में कौन-कौन शामिल था?
इस कार्रवाई में लोकायुक्त इंदौर की टीम ने अहम भूमिका निभाई। ट्रैप ऑपरेशन में शामिल अधिकारी:
- निरीक्षक राहुल गजभिये
- निरीक्षक विक्रम चौहान
- प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव
- आरक्षक विजय कुमार
- आरक्षक कमलेश परिहार
- आरक्षक आशीष नायडू
- आरक्षक अनिल परमार
- आरक्षक कृष्णा अहिरवार
लोकायुक्त की अपील: भ्रष्टाचार की शिकायत करें
लोकायुक्त ने आम जनता से अपील की है कि अगर कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत मांगता है तो तुरंत इसकी शिकायत लोकायुक्त कार्यालय में करें।