किन्नर समुदाय की छवि पर अपराधियों का दुष्प्रभाव: महामंडलेश्वर साध्वी संजना सखी की कड़ी प्रतिक्रिया

भोपाल, मध्य प्रदेश: बीते कुछ दिनों में शहर में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिए जाने की घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें कुछ किन्नर समुदाय से जुड़े अपराधियों की संलिप्तता भी पाई गई है। इस पर वैष्णव किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर साध्वी संजना सखी ने गहरी नाराजगी जताते हुए इन कृत्यों की घोर निंदा की है।
“समस्त किन्नर समाज की छवि हुई धूमिल”
महामंडलेश्वर साध्वी संजना सखी ने कहा,
“किन्नर समाज को पहले ही सामाजिक भेदभाव और तिरस्कार का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कुछ आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों द्वारा किए गए शर्मनाक कृत्यों ने पूरे समुदाय की छवि को नुकसान पहुंचाया है। हम इसकी घोर निंदा करते हैं।”
अपराधी किन्नरों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग
महामंडलेश्वर ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि इन अपराधी तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधियों की सजा अन्याय के खिलाफ खड़े पूरे किन्नर समुदाय के लिए एक मिसाल बनेगी।
किन्नरों का अनिवार्य पुलिस वेरिफिकेशन हो
इसके साथ ही, महामंडलेश्वर संजना सखी ने यह भी सुझाव दिया कि मध्य प्रदेश के सभी जिलों में प्रत्येक थाने के स्तर पर किन्नरों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य किया जाए। इस वेरिफिकेशन के तहत उनके घराने की पूरी जानकारी भी दर्ज हो, जिससे आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोगों को चिह्नित किया जा सके और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।
“किन्नर समाज को अपराधियों से अलग समझें”
उन्होंने स्पष्ट किया कि किन्नर समाज का मूल उद्देश्य समाज सेवा और आध्यात्मिक उत्थान है, न कि किसी भी प्रकार के अपराध या हिंसा में शामिल होना। कुछ गिने-चुने अपराधियों की हरकतों की वजह से पूरे समुदाय को दोष देना अनुचित और अन्यायपूर्ण होगा।
समाज को जागरूक करने की जरूरत
महामंडलेश्वर ने जनता से अपील की कि सभी किन्नरों को अपराधी न समझें, बल्कि समाज को जागरूक करें और असली अपराधियों को चिन्हित करने में पुलिस का सहयोग करें।
निष्कर्ष
यह बयान किन्नर समाज के सम्मान और उनकी छवि की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या किन्नर समाज की छवि सुधारने के लिए ठोस नीतियां बनाई जाती हैं।