गाडरवारा में स्मैक तस्करी और नशे की लत ने युवाओं को चला दिया अपराध की राह पर, प्रशासन की निष्क्रियता पर उठ रहे सवाल

गाडरवारा। शहर में स्मैक तस्करी और नशीले पदार्थों का कारोबार तेजी से फैल रहा है, जिससे युवाओं का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता के चलते यह समस्या दिन-प्रतिदिन विकराल रूप लेती जा रही है। अगर समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो गाडरवारा भी उड़ते पंजाब की तर्ज पर “उड़ता गाडरवारा” बन सकता है।
युवाओं पर बुरा असर
शहर के स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों से लेकर ऑटो चालक, ई-रिक्शा चालक और मजदूर वर्ग तक स्मैक जैसे नशीले पदार्थों की चपेट में आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान और आसपास के इलाकों से स्मैक की सप्लाई यहां पहुंचती है, जिसे तस्कर स्थानीय स्तर पर बेचते हैं। एक तस्कर रोजाना 10 से 15 हजार रुपए तक कमा रहा है, जो इस काले कारोबार की गंभीरता को दर्शाता है।
नशे की लत ने बढ़ाई अपराध की घटनाएं
स्मैक की लत के कारण शहर में चोरी और नकबजनी जैसे अपराध बढ़ गए हैं। पिछले कुछ महीनों में हुई अधिकतर वारदातों में स्मैक के आदी युवाओं का हाथ पाया गया है। नशे के लिए पैसों की जरूरत पूरी करने के चक्कर में युवा गलत राह पर चल पड़े हैं।
नगरवासियों ने उठाए सवाल
शहर के लोगों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय रहते नशे के कारोबार पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह समस्या समाज के लिए एक बड़ा खतरा बन जाएगी। नगरवासियों ने पुलिस और प्रशासन से अपील की है कि वह तस्करों के खिलाफ कठोर कदम उठाए और युवाओं को इस जहरीले जाल से बचाएं।
प्रशासन कब करेगा कार्रवाई?
अब सवाल यह है कि प्रशासन इस गंभीर समस्या पर कब कार्रवाई करेगा? क्या गाडरवारा के युवाओं को नशे के अंधेरे कुएं में गिरने से बचाया जा सकेगा? या फिर प्रशासन की निष्क्रियता के चलते यह शहर भी उड़ते पंजाब की तर्ज पर “उड़ता गाडरवारा” बन जाएगा?
नगरवासियों की उम्मीद है कि प्रशासन जल्द से जल्द इस समस्या पर गंभीरता से ध्यान देगा और समाज को इस गंभीर संकट से उबारने के लिए ठोस कदम उठाएगा।