डॉक्टरों की कमी से मरीज हो रहे परेशान, स्वास्थ्य सेवाएँ प्रभावित
डॉक्टरों की कमी से मरीज हो रहे परेशान, स्वास्थ्य सेवाएँ प्रभावित

गाडरवारा। शासकीय चिकित्सालय में डॉक्टरों और स्टाफ की भारी कमी के कारण मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। शहर सहित ग्रामीण अंचलों से प्रतिदिन सैकड़ों मरीज यहां उपचार के लिए आते हैं, लेकिन चिकित्सकों की संख्या कम होने से स्वास्थ्य सेवाएँ बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।
मरीजों की बढ़ती संख्या, डॉक्टरों की घटती उपलब्धता
वर्तमान में अस्पताल में केवल चार मेडिकल ऑफिसर कार्यरत हैं, जबकि न्यूनतम आठ डॉक्टरों की आवश्यकता है। अस्पताल में रोजाना करीब 700 ओपीडी मरीज आते हैं, लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण सुबह के समय लंबी कतारें लग जाती हैं और मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है।
इमरजेंसी सेवाएँ भी प्रभावित
डॉक्टरों की कमी के कारण रात्रि ड्यूटी और इमरजेंसी सेवाएँ भी बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। सिहोरा, बोहनी और अन्य अस्पतालों से डॉक्टर 15 दिन में एक बार ड्यूटी पर आते हैं, जिससे गंभीर मरीजों को तत्काल चिकित्सा सुविधा मिलना मुश्किल हो जाता है। कई बार डॉक्टरों के समय पर न पहुंचने से अस्पताल में अफरा-तफरी की स्थिति बन जाती है।
स्टाफ की भी भारी कमी
चिकित्सालय में कंपाउंडर का पद रिक्त पड़ा है, जिसके चलते वार्ड बॉय को कंपाउंडर की जिम्मेदारी निभानी पड़ रही है। नर्सिंग स्टाफ की भी भारी कमी है, जिससे मरीजों को उचित देखभाल नहीं मिल पा रही है।
स्थानीय नागरिकों ने उठाई माँग
अस्पताल प्रभारी डॉ. डीपी पंथी ने डॉक्टरों की कमी को लेकर जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखकर जल्द से जल्द डॉक्टरों की भर्ती की माँग की है। वहीं, स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह से माँग की है कि अस्पताल में डॉक्टरों और स्टाफ की कमी को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो हो सकता है बड़ा संकट
अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो मरीजों को इलाज में और भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। सरकार को शीघ्र आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है ताकि गाडरवारा के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ मिल सकें।