ब्रेकिंग न्यूज़: मूंग खरीदी में देरी से गाडरवारा के किसान परेशान, उपार्जन समिति की लापरवाही उजागर

गाडरवारा (जिला नरसिंहपुर)।
मूंग खरीदी को लेकर जिला उपार्जन समिति की बड़ी लापरवाही सामने आई है। शासन द्वारा 7 जुलाई 2025 से खरीदी शुरू करने के आदेश जारी किए गए थे, लेकिन आज एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद गाडरवारा के कई वेयरहाउसों में खरीदी प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है।
किसान लगातार मूंग लेकर वेयरहाउस के बाहर बारिश में खड़े हैं, भूखे-प्यासे, बिना छांव-छत के इंतज़ार कर रहे हैं।
स्लॉट बुकिंग के बाद भी खरीदी नहीं शुरू, किसानों में आक्रोश
कई किसानों ने शासन की वेबसाइट या संबंधित पोर्टलों पर अपनी मूंग की स्लॉट बुकिंग पहले ही कर दी थी, उम्मीद थी कि खरीदी तय तारीख से शुरू होगी। लेकिन वेयरहाउसों में अभी तक कोई खरीदी कार्य प्रारंभ नहीं हुआ, जिससे किसानों को भयंकर असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में रखी मूंग हो रही खराब
बारिश का मौसम और खुले में खड़ी ट्रॉलियों में रखी मूंग – यह न सिर्फ फसल की बर्बादी का खतरा है, बल्कि किसानों की मेहनत और लागत का नुकसान भी है।
कई किसान 3-4 दिन से लाइन में खड़े हैं, न तो कोई अधिकारी मौके पर आ रहा है, न ही खरीदी शुरू होने की कोई निश्चित तारीख बताई जा रही है।
किसानों का सवाल – आखिर ज़िम्मेदार कौन?
किसानों का सवाल साफ है:
- जब शासन ने 7 जुलाई से खरीदी शुरू करने के आदेश दिए थे, तो वेयरहाउस में खरीदी शुरू क्यों नहीं हुई?
- क्या जिला उपार्जन समिति ने आदेशों की अवहेलना की है?
- क्या किसानों को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है?
मंत्री उदय प्रताप सिंह से सीधा सवाल
किसानों और जनप्रतिनिधियों का अब गाडरवारा विधानसभा के मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह जी से सीधा सवाल है:
🔸 क्या वे इस लापरवाही को अनदेखा करेंगे?
🔸 क्या जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी या उन्हें अभयदान मिलेगा?
🔸 क्या गाडरवारा का किसान यूं ही अपनी मूंग लेकर सड़क पर लाइन में खड़ा रहेगा?
किसानों की मांग:
- खरीदी केंद्रों पर तत्काल मूंग खरीदी शुरू की जाए।
- जहां किसान लाइन में हैं, वहां टेंट, पानी व शौचालय की सुविधा हो।
- जिन अधिकारियों ने खरीदी में जानबूझकर देरी की है, उनके खिलाफ जांच और कार्रवाई की जाए।
- खराब हो रही मूंग का जिम्मेदार कौन होगा, इसका जवाब प्रशासन दे।
निष्कर्ष:
गाडरवारा के किसानों के लिए खरीदी का हर दिन अब पीड़ा बनता जा रहा है। समय पर खरीदी न होने से न सिर्फ उपज खराब हो रही है, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता किसानों को मानसिक रूप से भी परेशान कर रही है।
अब देखना होगा कि मंत्री और प्रशासन इस पर कितनी तेजी से संज्ञान लेते हैं।