Breaking News: गाडरवारा निवासी किशनलाल साहू की बेटी को16 साल से ससुराल में कैद कर रखा था! इलाज के दौरान मौत, 10 दिन पहले रेस्क्यू कर ले गए थे अस्पताल
5 अक्टूबर को ससुराल वालों की कैद से रिहा कराया था । इलाज के दौरान मौत हो गई। वह 16 सालों से कैद में थी। पिता की शिकायत के बाद मामला सामने आया था और बेटी को रिहा कराया गया था।

Breaking News: गाडरवारा निवासी किशनलाल साहू की बेटी को16 साल से ससुराल में कैद कर रखा था! इलाज के दौरान मौत, 10 दिन पहले रेस्क्यू कर ले गए थे अस्पताल
5 अक्टूबर को ससुराल वालों की कैद से रिहा कराया था । इलाज के दौरान मौत हो गई। वह 16 सालों से कैद में थी। पिता की शिकायत के बाद मामला सामने आया था और बेटी को रिहा कराया गया था।
भोपाल । जहांगीराबाद थाना क्षेत्र में ससुराल वालों द्वारा 16 साल से घर में कैद करके रखी गई, किशन साहू की बेटी की इलाज के दौरान सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात करीब तीन बजे मौत हो गई है। गाडरवारा निवासी किशनल साहू की शिकायत पर दस दिन पहले 5 अक्टूबर को भोपाल की महिला थाना और जहांगीराबाद थाना पुलिस की टीम ने महिला को ससुराल वालों की कैद से रेस्क्यू कर हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महिला का पोस्टमार्टम कराया जा चुका है। इस मामले में महिला के पति के खिलाफ पहले ही प्रकरण दर्ज हो चुका है।
परिवार के बताये अनुसार रानू साहू 40 वर्षीय जहांगीराबाद में रहती थी। उसके पिता गाडरवारा निवासी किशनलाल साहू ने महिला थाने में शिकायत की थी कि उनकी बेटी की शादी 2006 में भोपाल निवासी योगेन्द्र साहू के साथ हुई थी। उसके बच्चे भी हैं। मेरी बेटी को 2008 से ही पति और अन्य ससुराल वाले उसे एक कमरे में कैद करके रखे हैं, बेटी का इलाज नहीं करा रहे हैं। इसके बाद 5 अक्टूबर को पुलिस ने रानू साहू को रेस्क्यू कर हमीदिया में भर्ती कराया था, जहां इलाज के दौरान मौत हो गई है।
मात्र 25 किलो की रह गई किशन साहू की बेटी
पिता की शिकायत के बाद एनजीओ, पीड़िता के परिजन को लेकर महिला थाना और जहांगीराबाद थाने की टीम जब मौके पर पहुंची थी तो पीड़िता कमरे में रस्सी से बंधी मिली। वह चल भी नहीं पा रही थी। उसे गोद में उठाकर बाहर लाया गया था। 40 साल की पीड़िता हड्डियों का ढांचा बन चुकी थी। उसका वजन सिर्फ 25 किलो रह गया था।
शादी के दो साल बाद पिता से परिवार मिलने नही दिया
किशनलाल साहू ने पुलिस को बताया था कि 2008 के बाद से बेटी के ससुराल वालों ने उससे मिलने नहीं दिया। बेटी के बच्चों को भी उससे दूर भेज दिया गया। ससुराल पक्ष के प्रताडि़त करने के बाद से बेटी की हालत खराब होने की जानकारी पड़ोसियों से मिली थी, इसके बाद वे भोपाल आकर पुलिस से शिकायत की थी।