भोपाल पुलिस में रिश्वत कांड: फर्जी कॉल सेंटर बचाने के लिए 5 लाख की रिश्वत, टीआई समेत 4 पुलिसकर्मी सस्पेंड

भोपाल। राजधानी भोपाल में पुलिस विभाग में बड़ा रिश्वत कांड सामने आया है। साइबर ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर के मास्टरमाइंड को बचाने के लिए ऐशबाग थाने के पुलिसकर्मियों ने 25 लाख रुपये की डील की थी, जिसमें 5 लाख की पहली किस्त लेते हुए एएसआई को रंगे हाथों पकड़ लिया गया। इस मामले में थाना प्रभारी (टीआई) सहित चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
कैसे हुआ खुलासा?
भोपाल के ऐशबाग थाना क्षेत्र में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर की शिकायत पर पुलिस ने जांच की थी। कॉल सेंटर की तीन युवतियों ने वेतन न मिलने की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस को वहां 25 सिम बॉक्स और कई संदिग्ध दस्तावेज मिले। जांच में पता चला कि इस कॉल सेंटर का लिंक महाराष्ट्र की एक बड़ी साइबर ठगी गैंग से है।
पुलिस को कॉल सेंटर संचालक अफजल खान के मोबाइल और बैंक खाते से साइबर क्राइम के सबूत मिले। पहले अफजल के बेटे को हिरासत में लिया गया, लेकिन उसे छोड़ दिया गया। इसके बाद अफजल और उसकी बेटी पर एफआईआर दर्ज की गई।
रिश्वतखोरी का पर्दाफाश
इस पूरे मामले का असली मास्टरमाइंड टीकमगढ़ निवासी मोईन खान था, लेकिन ऐशबाग थाने के टीआई और पुलिसकर्मी उसे बचाने में लगे थे। एएसआई पवन रघुवंशी ने मोईन खान से 25 लाख रुपये में सौदा तय किया, जिसमें 5 लाख रुपये की पहली किश्त मंगलवार रात दी गई।
इसकी भनक एसीपी सुरभि मीणा को लगी, जिन्होंने क्राइम ब्रांच की मदद से एएसआई पर नजर रखी। जैसे ही पवन ने रिश्वत ली, पुलिस ने उसे ट्रैक किया और उसके घर पर छापा मारकर 5 लाख रुपये बरामद किए।
इन पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज
घोटाले का खुलासा होते ही भोपाल पुलिस कमिश्नर ने कड़ी कार्रवाई की और ऐशबाग थाने के टीआई जितेंद्र गढ़वाल, एएसआई पवन रघुवंशी, एएसआई मनोज सिंह और हवलदार धर्मेंद्र सिंह को तत्काल निलंबित कर दिया।
मोईन खान: साइबर ठगी का मास्टरमाइंड
डीसीपी प्रियंका शुक्ला ने बताया कि मोईन खान प्रदेशभर में साइबर ठगों को फर्जी बैंक खाते और सिम कार्ड उपलब्ध कराता है। वह टीकमगढ़ से साइबर अपराधों का जाल फैला चुका है। इस मामले में आगे और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
- पवन रघुवंशी को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी
- मोईन खान के नेटवर्क की गहन जांच होगी
- निलंबित पुलिसकर्मियों पर विभागीय जांच शुरू
- साइबर ठगी में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी
भोपाल पुलिस में हुए इस रिश्वत कांड ने एक बार फिर भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है। अब देखना होगा कि इस मामले में और क्या बड़े नाम सामने आते हैं।