बैतूल

भौरा में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनी फूलों की होली, 15 वर्षों से जारी है यह आध्यात्मिक परंपरा

संवाददाता सुनील राठौर

भौरा। नगर के राधे कृष्ण मंदिर में गुरुवार रात भक्ति और उल्लास से सराबोर फूलों की होली का भव्य आयोजन किया गया। पिछले 15 वर्षों से लगातार आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में इस बार भी श्रद्धालुओं की जबरदस्त भागीदारी रही। राधे मित्र मंडल भौरा द्वारा आयोजित इस उत्सव में भक्तों ने फूलों की वर्षा के बीच राधा-कृष्ण की भक्ति का आनंद लिया। जैसे ही मंदिर प्रांगण में गुलाब, गेंदा और गेंदे के फूलों की बारिश हुई, पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। श्रद्धालुओं ने “राधे-राधे बरसे फूलों की होली”, “अभी तो होली खेल रही है वृंदावन में” जैसे भजनों पर झूमते हुए वृंदावन जैसी अनुभूति प्राप्त की।


कार्यक्रम की शुरुआत भजन से हुई, जहां भक्तिरस में डूबे श्रद्धालु संगीत की मधुर धुनों पर झूम उठे। इसके बाद फूलों की होली का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शामिल हुए राजेश साहू, संजीव राठौर, संतोष नायक, रूपनारायण मालवीय ने कहा कि यह सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि भक्ति से सराबोर करने वाला अद्भुत क्षण था। पिछले कई वर्षों से इस आयोजन में शामिल हो रहे हैं और हर बार एक अनोखा आध्यात्मिक अनुभव मिलता है। इसी तरह सुधीर नायक ने इसे अपने जीवन की सबसे यादगार होली बताया।


आयोजन समिति राधे मित्र मंडल के संस्थापक अमित तिवारी बताया कि यह आयोजन पिछले 15 वर्षों से बिना किसी रुकावट के आयोजित किया जा रहा है और आगे भी इसी भव्यता के साथ जारी रहेगा, जिससे प्रेम, भक्ति और सौहार्द्र का संदेश जन-जन तक पहुंचे। मंदिर के पुजारियों ने सभी को आशीर्वाद देते हुए कहा कि यह आयोजन राधा-कृष्ण की भक्ति को जन-जन तक पहुंचाने का एक माध्यम है और इसे और अधिक भव्य बनाने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे।
भौरा में फूलों की होली सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि हर साल श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक यात्रा बन चुकी है। 15 वर्षों से जारी इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि होली सिर्फ रंगों का नहीं, बल्कि प्रेम, भक्ति और आध्यात्मिकता का भी पर्व है।

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