अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सीएम मोहन यादव की सुरक्षा व्यवस्था महिलाओं के हाथ, मिसाल बनी पहल

भोपाल, 8 मार्च: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश में एक अनूठी पहल देखने को मिली, जहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सुरक्षा व्यवस्था और काफिले की जिम्मेदारी पूरी तरह से महिला अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों को सौंपी गई। यह कदम न केवल महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करने के लिए था, बल्कि यह भी दिखाने के लिए कि महिलाएँ हर क्षेत्र में समान रूप से सक्षम हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस पहल से जुड़ी तस्वीरें साझा कीं और कहा –
“शक्ति से समृद्धि है, शक्ति से सुरक्षा भी… आज महिला दिवस के अवसर पर शक्तिस्वरूपा महिला सुरक्षाकर्मियों ने मेरी सुरक्षा व्यवस्था और काफिले की कमान संभाल रखी है। यह न केवल महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है बल्कि यह भी दिखाता है कि हमारी महिला अधिकारी और सुरक्षाकर्मी हर चुनौती को संभालने में सक्षम हैं।”
महिला सुरक्षाकर्मियों ने संभाली सुरक्षा व्यवस्था
मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था में प्रमुख भूमिका निभाने वाली महिला अधिकारियों ने इस मौके पर अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया।
- उप पुलिस अधीक्षक (DSP) बिट्टू शर्मा ने मुख्यमंत्री के पूरे सुरक्षा प्रबंधन की कमान संभाली।
- मुख्यमंत्री के वाहन का संचालन इंस्पेक्टर इरशाद अली के हाथों में था।
- पूरी सुरक्षा टीम में महिला पुलिसकर्मियों की भागीदारी को प्राथमिकता दी गई।
इंस्पेक्टर इरशाद अली ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा –
“महिलाओं को यह संदेश मिल चुका है कि सशक्तिकरण अब केवल एक विचार नहीं, बल्कि वास्तविकता है। महिलाएँ किसी से कम नहीं हैं और जो काम पुरुष कर सकते हैं, उसे महिलाएँ भी पूरी दक्षता के साथ कर सकती हैं, बल्कि कई मामलों में उससे बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं।”
उप पुलिस अधीक्षक बिट्टू शर्मा ने कहा –
“समाज को यह समझना चाहिए कि महिलाएँ किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। सुरक्षा व्यवस्था हो, प्रशासनिक कार्य हों, या फिर सेना और पुलिस की जिम्मेदारियाँ – महिलाएँ हर जगह अपनी काबिलियत साबित कर रही हैं। हमें समाज में यह संदेश देना चाहिए कि महिलाएँ भी वही काम कर सकती हैं जो पुरुष कर सकते हैं। महिलाओं को कभी भी खुद को कमतर नहीं आंकना चाहिए।”
महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
यह पहल न केवल सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रही, बल्कि इसने महिला नेतृत्व को भी एक नई पहचान दी। इससे उन महिलाओं को भी प्रेरणा मिलेगी जो सुरक्षा बलों, प्रशासनिक सेवाओं या अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी भूमिका निभाने की आकांक्षा रखती हैं।
मुख्यमंत्री की यह पहल मध्य प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस प्रयास से यह संदेश जाता है कि महिलाएँ केवल सामाजिक और पारिवारिक दायित्वों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे नेतृत्व की भी उतनी ही हकदार हैं।
इस अनूठी पहल से यह स्पष्ट हो गया कि महिलाएँ हर चुनौती को स्वीकार कर सकती हैं और अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा और दक्षता के साथ निभा सकती हैं।