भौरा की महिलाओं की बुलंद आवाज: आधार केंद्र और पंचवली ट्रेन स्टॉपेज की मांग पर दिया ज्ञापन
महिला दिवस पर भौरा में उठी हक की मांग, अब प्रशासन की बारी!

रिपोर्टर सुनील राठौर भौरा
भौरा। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जहां देशभर में महिलाओं को सम्मानित किया जा रहा था, वहीं भौरा की महिलाओं ने इस मौके को अपने अधिकारों की आवाज बुलंद करने के लिए इस्तेमाल किया। पंचायत में आयोजित महिला सभा में सैकड़ों महिलाओं ने दो महत्वपूर्ण मांगों—भौरा में आधार केंद्र की पुनः स्थापना और पंचवली ट्रेन स्टॉपेज बहाल करने—को लेकर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपा।
आधार केंद्र बंद होने से परेशानी में ग्रामीण
भौरा नगर में करीब दो साल पहले तक आधार केंद्र संचालित था, लेकिन तकनीकी खामियों और ब्लैकलिस्टिंग के कारण इसे बंद कर दिया गया। तब से अब तक नया आधार केंद्र नहीं खुल पाया, जिससे ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
गांव-गांव भटक रहे हैं लोग, आखिर कब खुलेगा आधार केंद्र?
भौरा आसपास के सैकड़ों गांवों के लिए एक प्रमुख केंद्र है, जहां लोग बैंकिंग, चिकित्सा, शिक्षा, और अन्य सरकारी कार्यों के लिए आते-जाते हैं। पहले जब आधार केंद्र चालू था, तो बच्चों के नामांकन, पेंशनधारकों के जीवन प्रमाण पत्र, बैंकिंग कार्यों, और विभिन्न सरकारी योजनाओं से जुड़ी आधार सत्यापन प्रक्रिया यहीं पूरी हो जाती थी।
लेकिन अब हालात यह हैं कि आधार अपडेट करवाने के लिए लोगों को शाहपुर, घोड़ाडोंगरी, या बैतूल जाना पड़ता है, जिससे उनका समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती है। कई बुजुर्ग और महिलाएं, जो लंबी दूरी की यात्रा नहीं कर सकते, बैंक खातों में आधार लिंक न होने या आधार अपडेट न होने के कारण सरकारी योजनाओं के लाभ से भी वंचित हो रहे हैं।
इसलिए महिलाओं ने घोड़ाडोंगरी विधानसभा विधायक के नाम ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि भौरा में तत्काल आधार केंद्र की स्थापना की जाए।
पंचवली ट्रेन स्टॉपेज की बहाली: एक जरूरी मांग
महिलाओं ने रेलवे स्टेशन प्रबंधक को भी ज्ञापन सौंपकर भौरा में पंचवली ट्रेन का स्टॉपेज बहाल करने की मांग उठाई।
कोरोना काल के बाद स्टॉपेज बंद, यात्रियों को हो रही परेशानी
कोरोना महामारी से पहले पंचवली एक्सप्रेस का भौरा ढोढरामोहार रेलवे स्टेशन पर ठहराव था, जिससे भोपाल, इंदौर, और अन्य शहरों में जाने वाले यात्रियों को सुविधा मिलती थी। लेकिन कोविड-19 के बाद यह स्टॉपेज हटा दिया गया, जिससे यात्रियों को अब इटारसी या बैतूल जाकर ट्रेन पकड़नी पड़ती है।
भौरा और आसपास के 40 गांवों के लोग इस स्टेशन से जुड़े हुए हैं, लेकिन वर्तमान में यहां केवल एक मेमू ट्रेन का ठहराव है। जिन लोगों को भोपाल, इंदौर या अन्य शहरों की यात्रा करनी होती है, उन्हें पहले बस पकड़कर इटारसी या बैतूल जाना पड़ता है, जिससे अतिरिक्त किराया, समय और असुविधा बढ़ जाती है।
रेलवे प्रशासन क्यों नहीं कर रहा सुनवाई?
स्थानीय लोगों का कहना है कि रेलवे प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। पंचवली ट्रेन का स्टॉपेज बहाल करने से यात्रियों की परेशानी कम होगी और स्थानीय लोगों को रोजगार और व्यापार के अवसर भी बढ़ेंगे।
महिला दिवस पर सिर्फ सम्मान नहीं, बल्कि हक की भी मांग!
इस महिला सभा में महिलाओं ने सिर्फ महिला दिवस की बधाई नहीं दी, बल्कि अपने अधिकारों के लिए संघर्ष का बिगुल भी बजाया। इस अवसर पर सरपंच मीरा धुर्वे, पंच ललिता रजने, पंच लता मालवीय,
सरिता कहार,प्रिया कहार,सुनीता,माया,किरण राठौर, कमलेश बाई,ललिता, गंगा बाई,कृष्णा साहू,रजनी मालवीय,सरोज मालवीय, कुसुम मालवीय,कमला मालवीय, पूनम,मनीषा जोगी सहित बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद रहीं।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि इन गंभीर मांगों पर कितनी जल्दी कार्रवाई करते हैं? क्या यह महिला दिवस केवल एक कार्यक्रम बनकर रह जाएगा, या भौरा की महिलाओं को उनका हक मिलेगा?